वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र सरकार उन भारतीय निर्यातकों के लिए एक व्यापक राहत पैकेज तैयार कर रही है, जिन्हें अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% आयात शुल्क (टैरिफ) से सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कई मंत्रालय मिलकर इन टैरिफ का असर समझने और समाधान निकालने के लिए आकलन कर रहे हैं।
अमेरिका ने भारत से आने वाले कई उत्पादों पर पहले 25% और फिर 27 अगस्त से अतिरिक्त 25% शुल्क लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुँच गया। ये शुल्क दुनिया में सबसे ऊँचे माने जा रहे हैं और अमेरिका ने इन्हें भारत के रूस से तेल आयात जारी रखने और पुरानी व्यापारिक खींचतान के चलते लागू किया है। सीतारमण ने कहा, “हम प्रभावित उद्योगों से लगातार इनपुट ले रहे हैं। निर्यातकों को सहारा देने के लिए ठोस कदमों पर काम हो रहा है।”
टैरिफ से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र टेक्सटाइल्स, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, झींगा, पशु उत्पाद, रसायन और मशीनरी—माने जा रहे हैं। ये सभी श्रम-प्रधान उद्योग हैं और अमेरिकी बाज़ार पर निर्भर हैं। हालांकि दवाइयाँ, ऊर्जा उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक्स इन टैरिफ में शामिल नहीं हैं।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर का निर्यात और 45.3 अरब डॉलर का आयात किया, जिससे कुल द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर रहा। भारत के कुल निर्यात का करीब 20% हिस्सा अकेले अमेरिका को जाता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आगामी जीएसटी सुधार हर भारतीय को राहत देंगे और इसे उन्होंने जनता का सुधार करार दिया। 22 सितंबर के बाद नई जीएसटी प्रणाली के कारण करीब 400 उत्पाद सस्ते होंगे, जिनमें साबुन, शैम्पू, कपड़े, कार, एसी, ट्रैक्टर शामिल हैं। वहीं रोटी, दूध और पनीर अब पूरी तरह टैक्स-फ्री हो जाएँगे। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
सीतारमण ने बताया कि वह खुद इस बात की निगरानी कर रही हैं कि कंपनियाँ यह लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचा रही हैं या नहीं। कई ऑटो, बीमा और फैशन कंपनियाँ पहले ही कीमतों में कटौती की घोषणा कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, “यह सुधार हर भारतीय को छुएगा। सबसे गरीब भी रोज़मर्रा के वे सामान खरीदते हैं, जिन पर जीएसटी लगता है।”
सीतारमण ने ज़ोर देकर कहा कि यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार है और हर टैक्स दर की समीक्षा आम आदमी को ध्यान में रखकर की गई है।
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