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Sunday, March 30, 2025
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यूएससीआईआरएफ: भारत ने धार्मिक आजादी पर अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट को किया खारिज!

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा यूएससीआईआरएफ भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता से जुड़ेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा। 

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अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (यूएससीआईआरएफ) की नवीनतम रिपोर्ट की भारत ने आलोचना की। बुधवार को नई दिल्ली ने एक बार फिर अमेरिकी एजेंसी से कहा कि वह तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और एक प्रेरित कहानी को आगे बढ़ाने के अपने एजेंडा-अधारित प्रयासों से दूर रहे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हमने हाल ही में जारी अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट देखी है, जिसमें एक बार फिर पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित आकलन पेश करने का पैटर्न जारी है।”

जायसवाल ने कहा, “यूएससीआईआरएफ की अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर शक जाहिर करने की लगातार कोशिश धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति वास्तविक चिंता के बजाय एक जानबूझकर किया गया एजेंडा दर्शाती है।”

प्रवक्ता ने कहा, “भारत में 1.4 बिलियन लोग रहते हैं जो मानव जाति के सभी ज्ञात धर्मों के अनुयायी हैं। हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता से जुड़ेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा।”

जायसवाल ने कहा, “लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को कमजोर करने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे। वास्तव में, यूएससीआईआरएफ को चिंता का विषय घोषित किया जाना चाहिए।”

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने यूएससीआईआरएफ की आलोचना की हो।

यूएससीआईआरएफ, अमेरिकी संघीय सरकार की एजेंसी है जो विदेशों में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकार (एफओआरबी) की निगरानी करती है। यह देश के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और अमेरिकी कांग्रेस को नीतिगत सिफारिशें करती है।

पिछले अक्टूबर में, यूएससीआईआरएफ रिपोर्ट में भारत पर ‘कंट्री अपडेट’ के संबंध में मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया था कि एजेंसी के बारे में नई दिल्ली के विचार सर्वविदित हैं।

जायसवाल ने तब कहा था, “यह एक पक्षपाती संगठन है जिसका अपना राजनीतिक एजेंडा है। यह तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना जारी रखता है और भारत के बारे में एक प्रेरित कहानी फैलाता है। हम इस दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट को अस्वीकार करते हैं।”

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में बार-बार कहा है कि यूएससीआईआरएफ अपने बयानों और रिपोर्टों में ‘अपने प्रेरित एजेंडे के अनुसरण में’ बार-बार ‘तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत’ करता रहता है।

कोविड-19 और दिल्ली दंगों से लेकर नागरिकता संशोधन विधेयक और धार्मिक स्वतंत्रता तक, विदेश मंत्रालय ने यूएससीआईआरएफ की विभिन्न रिपोर्टों और टिप्पणियों को खारिज कर दिया है।

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