उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व से कराया परिचय : योगी आदित्यनाथ

उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व से कराया परिचय : योगी आदित्यनाथ

Ustad Bismillah Khan introduced India's cultural heritage to the world: Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘भारत रत्न’ शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी संगीत साधना को वंदनीय बताया। मुख्यमंत्री के साथ ही गोरखपुर से सांसद और अभिनेता रवि किशन ने भी उस्ताद को नमन किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सुप्रसिद्ध शहनाई वादक, ‘भारत रत्न’ उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने अपने शहनाई वादन से भारत की सांस्कृतिक विरासत के विराट स्वरूप का विश्व से परिचय कराया। उनकी संगीत साधना वंदनीय है। आज उनकी जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!”

वहीं, सांसद रवि किशन ने भी एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “भारत रत्न से अलंकृत, भारत के प्रख्यात शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।”

बिहार में जन्मे उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को काशी से विशेष लगाव था। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, “अगर किसी को सुरीला बनना है तो बनारस चला आए और गंगा जी के किनारे बैठ जाए, क्योंकि बनारस के नाम में ‘रस’ आता है।” उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने कहा था, “चाहे काशी विश्वनाथ मंदिर हो, बालाजी मंदिर या फिर गंगा घाट, यहां शहनाई बजाने में एक अलग ही सुकून मिलता है।”

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उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, कनाडा, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, ईरान, इराक और वेस्ट अफ्रीका जैसे देशों में भी अपनी शहनाई की धुन बिखेरी। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को भारत के चारों सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा गया था। उन्हें पद्म श्री (1961), पद्म भूषण (1968), पद्म विभूषण (1980) और भारत रत्न (2001) से सम्मानित किया गया था। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान हमेशा अमर रहेगा।

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