उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है| देहरादून में प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में खुलासा हुआ है कि 57 मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं| इनमें से सबसे ज्यादा 34 अवैध मदरसे विकासनगर क्षेत्र में पाए गए हैं| देहरादून के स्थानीय प्रशासन द्वारा यह रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर टिप्पणी की और ऐसे संगठनों के धन के स्रोत की जांच करने का आदेश दिया|
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सभी मदरसों के लिए सत्यापन अभियान चलाने का आदेश दिया था। उस आदेश के बाद देहरादून के जिलाधिकारी ने मदरसों के बारे में सत्यापन किया तो पता चला कि 57 मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं| जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार देहरादून तहसील में 16 अपंजीकृत और आठ पंजीकृत मदरसे हैं, जबकि विकासनगर तहसील में 34 अपंजीकृत और 27 पंजीकृत मदरसे हैं।
जिलाधिकारी सविन बंसल की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन अवैध मदरसों के धन के स्रोत की जांच के आदेश दिये हैं| इन अवैध मदरसों को चलाने के लिए वास्तव में धन कहाँ से आता है? इस संबंध में जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”चाहे अवैध मदरसे हों या अवैध अतिक्रमण, हम अतिक्रमण हटाएंगे| साथ ही हमने मदरसों के सत्यापन का भी आदेश दिया है|
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,इस संबंध में पूरी जांच कराई जाएगी। यह जांच कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के माध्यम से की जाएगी और अवैध मदरसों को मिलने वाले धन के मूल स्रोत का पता लगाया जाएगा” अक्टूबर में धामी ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को राज्य के सभी मदरसों का तत्काल निरीक्षण करने का निर्देश दिया था|
इस संबंध में पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद रिपोर्ट का अध्ययन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं| उत्तराखंड सरकार की इस भूमिका को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा, ”राज्य में भाजपा आठ साल से सत्ता में है|
फिर भी अवैध मदरसों पर पहले कभी ध्यान नहीं दिया गया| साथ ही 2022 में उनका नया कार्यकाल शुरू होने के बाद से ही वह एक खास एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं| कांग्रेस पार्टी किसी भी रूप में अवैध अतिक्रमण या ऐसी गतिविधियों का समर्थन नहीं करती है। हालांकि, सरकार को दोहरा रवैया नहीं अपनाना चाहिए।”
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