32 C
Mumbai
Monday, December 8, 2025
होमन्यूज़ अपडेट'वंदे मातरम्' गीत से अंग्रेजों को ईंट का जवाब पत्थर से दिया...

‘वंदे मातरम्’ गीत से अंग्रेजों को ईंट का जवाब पत्थर से दिया गया; पीएम मोदी ने सुनाई ‘वंदे मातरम्’ की गौरव गाथा

Google News Follow

Related

संसद के शीतकालीन सत्र दौरान भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने पर चर्चा चल रही है। इस दौरान पीएम मोदी ने चर्चा की शुरुवात करते हुए वंदे मातरम् की गौरव यात्रा को याद किया। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों की साजिश के खिलाफ वंदे मातरम् गाया गया था। अंग्रेज अपने राष्ट्रीय गीत को घर-घर पहुंचाने का षड़यंत्र कर रहे थे। ऐसे समय में बकीम दा ने चुनौती दी और ईंट का जवाब पत्थर से दिया।

पीएम मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा, “वंदे मातरम् ने 1947 में देश को आजादी दिलाई। वंदे मातरम् के जयघोष में स्वतंत्रता संग्राम का भावनात्मक नेतृत्व था। जब इसपर चर्चा हो रही है, तो यहां पर कोई पक्ष-प्रतिपक्ष नहीं है। हम सभी यहां पर जो बैठे हैं, वास्तव में हमारे लिए रण स्वीकार करने का अवसर है। जिस वंदे मातरम् के कारण आजादी का आंदोलन चला, उसी का परिणाम है कि आज हम यहां पर बैठे हुए हैं। इसलिए हम सभी सांसदों और दलों के लिए यह रण स्वीकार करने का पावन पर्व है।”

उन्होंने कहा, “वंदे मातरम् की जिस भावना ने देश की आजादी की जंग लड़ी, पूरा देश एक स्वर में वंदे मातरम् बोलकर आगे बढ़ा। इससे प्रेरणा लेकर एक बार फिर आगे बढ़ने का अवसर है। देश को साथ लेकर चलें, आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उनको पूरा करने के लिए वंदे मातरम् हम लोगों के लिए प्रेरणा और ऊर्जा बने। 2047 में हम विकसित बनें। इस संकल्प को दोहराने के लिए वंदे मातरम् हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है।”

पीएम मोदी ने राष्ट्रीय गीत के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा, “वंदे मातरम् की इस यात्रा की शुरुआत बकीमचंद्र जी ने 1875 में की थी। गीत ऐसे समय में लिखा गया था, जब 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेज सल्तनत बौखलाई हुई थी और कई तरह के जुल्म कर रही थी। अंग्रेज भारत के लोगों को मजबूर कर रहे थे। अंग्रेज अपने राष्ट्रीय गीत को घर-घर पहुंचाने का षड़यंत्र कर रहे थे। ऐसे समय में बकीम दा ने चुनौती दी और ईंट का जवाब पत्थर से दिया। इस तरह वंदे मातरम् का जन्म हुआ।”

उन्होंने कहा, “इसके कुछ वर्ष बाद 1882 में जब उन्होंने ‘आनंद मठ’ लिखा, तो इस गीत का उसमें समावेश किया गया। वंदे मातरम् ने उस विचार को पुनर्जीवित किया था, जो हजारों वर्ष के भारत की रग-रग में रचा-बसा था। उसी भाव, संस्कारों, संस्कृति और परंपरा को उन्होंने बहुत ही उत्तर शब्दों में उत्तम भाव के साथ वंदे मातरम् के साथ हम सबको बहुत बड़ी सौगात दी थी। वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक आजादी की लड़ाई का मंत्र नहीं था। यह इससे कहीं अधिक था।”

यह भी पढ़ें:

‘वंदे मातरम’ को समझने के लिए नेहरू को शब्दकोश की जरूरत पड़ी थी: संबित पात्रा

‘वंदे मातरम्’ के 100 साल पूरे हुए तो देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था: प्रधानमंत्री मोदी

ट्रंप के सुरक्षा दस्तावेज़ में भारत इंडो-पैसिफिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,706फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें