लोकसभा में शिवसेना संसदीय दल में विभाजन को लेकर उद्धव ठाकरे गुट अदालत जायेगा। उद्धव गुट के सांसद विनायक राऊत ने गुरुवार को लोकसभा सचिवालय के फैसलों को गलत बताते हुए कहा की मुझे लोकसभा में शिवसेना नेता पद से हटा कर राहुल शेवाले को इस पद पर बैठना के फैसला पहले से ले लिया गया था।
मंगलवार को शिवसेना के 12 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर शिंदे गुट में शामिल होने और विनायक राऊत के स्थान पर शेवाले को गुट नेता बनाए जाने की मांग की थी। उसके बाद लोकसभा सचिवालय ने शेवाले को गुट नेता और भावना गवली को चीफ व्हिप के तौर पर मान्यता दे दी थी। अब शिवसेना ने इस नियुक्ति पर सवाल खड़ा कर दिया है। शिवसेना नेता विनायक राउत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने 18 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र दिया था जिसमें उनसे अनुरोध किया गया था कि अगर कोई शिवसेना लोकसभा समूह के रूप में नियुक्त होने का दावा करता है तो हमें अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दें।
इसलिए, 19 जुलाई को, हम उनसे मिले। फिर 19 जुलाई को शिंदे समूह के सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने हमारी बात न सुन कर प्राकृतिक न्याय से इनकार किया है। लोकसभा सचिवालय की भूमिका संदिग्ध है। उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त मैं ही लोकसभा में शिवसेना का गुट नेता हुँ ।
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