विशालगढ़ दंगा मामला: जीतेंद्र आव्हाड ने की आलोचना; संभाजी राज ने साधा निशाना!

विशालगढ़ में हुए दंगों के सिलसिले में जितेंद्र आव्हाड ने संभाजी राजे की कड़ी आलोचना की

विशालगढ़ दंगा मामला: जीतेंद्र आव्हाड ने की आलोचना; संभाजी राज ने साधा निशाना!

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कोल्हापुर जिला प्रगतिशीलता के लिए जाना जाता है। फुले-शाहू-अम्बेडकर संविधान का मूल आधार हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद चंद्र पवार विधायक जितेंद्र आव्हाड ने आलोचना की, “यह महाराष्ट्र के लिए अशोभनीय है कि उनके उत्तराधिकारी दंगे कराने के लिए एक कदम आगे बढ़ाएं।” आज तीन अज्ञात हमलावरों द्वारा उनके वाहन पर हमला करने के बाद मीडिया से बात करते समय पूर्व सांसद संभाजी राज ने आव्हाड पर निशाना साधा है।

विशालगढ़ में हुए दंगों के सिलसिले में जितेंद्र आव्हाड ने संभाजी राजे की कड़ी आलोचना की थी| क्या उनमें शाहू महाराज का खून भी है? यह भी कहा गया कि इसकी जांच होनी चाहिए| मांग की जा रही है कि उन्हें इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए| इस बारे में बात करते हुए आव्हाड ने कहा कि अगर मैं मर भी जाऊं तो भी माफी नहीं मांगूंगा| इसके उलट संभाजी राजे को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए| उनकी पहल के कारण एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया।

संभाजी राजे आरोपी नंबर वन: पूर्व सांसद संभाजी राजे की आलोचना करते हुए आव्हाड ने कहा, “संभाजी राजे ने दूसरे गिरोह को किले में घुसने का मौका दिया और जिसके कारण तोड़फोड़ हुई| संभाजी राजे आरोपी नंबर एक हैं. हालांकि, मैंने उनकी गिरफ्तारी की मांग नहीं की। साथ ही आज हुए हमले पर मैं पुलिस में शिकायत भी दर्ज नहीं कराऊंगा| मैं अपनी बात रखना जारी रखूंगा| मेरी विचारों की लड़ाई है, मैं इसे लड़ता रहूंगा।”

जीतेंद्र आव्हाड ने यह भी आरोप लगाया कि संभाजी राजे के पिता सांसद बने: शाहू छत्रपति सांसद बने और उनके बेटे संभाजी राजे सांसद बने| संभाजी राजे मप्र के लिए कई पार्टियों की चौखट पर भटक रहे थे। लेकिन किसी ने उन्हें नॉमिनेट नहीं किया| संभाजी राजे बेतुकी हरकत कर रहे हैं क्योंकि उनके पिता सांसद बन गये हैं| जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि मैं आज महाराष्ट्र को ये सच्चाई बता रहा हूं|

क्या है मामला?: पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति ने विशालगढ़ पर अतिक्रमण हटाने के लिए आक्रामक रुख अपनाया। उनके द्वारा विशालगढ़ में विरोध प्रदर्शन भी किया गया,लेकिन इस आंदोलन के मौके पर कुछ उपद्रवियों ने विशालगढ़ में तोड़फोड़ की| इसके बाद संभाजी राज की आलोचना करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ”संभाजी राज को छत्रपति कहना बंद करें| क्योंकि जो अधिकार उन्हें विरासत में मिला था, उसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनकी थी। शाहू महाराज और संभाजी राज के खून में क्या है? इसकी जांच की जानी चाहिए।

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