वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल में जारी उग्र विरोध और हिंसक प्रदर्शनों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि “पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को टारगेट करके हिंसा हो रही है। हिंसा को ममता बनर्जी बढ़ावा दे रही हैं।”
भंडारी ने कहा कि जबकि देशभर में यह कानून शांतिपूर्वक स्वीकार किया जा रहा है, बंगाल को हिंसा की प्रयोगशाला बना दिया गया है। उन्होंने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और रवींद्रनाथ टैगोर की धरती, बंगाल को आज ममता बनर्जी ने तुष्टिकरण का प्रयोगशाला बना दिया।”
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर जब बाकी राज्यों, विशेषकर पास के राज्य असम में वक्फ कानून को लेकर कोई बवाल नहीं हो रहा, तो फिर बंगाल में ही यह प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं? उन्होंने दावा किया कि यह सब ममता बनर्जी के समर्थन से हो रहा है।
उन्होंने कहा, “पास के ही राज्य असम में सब कुछ ठीक है, इसके अलावा देश के हर कोने में माहौल ठीक है, परंतु बंगाल में हिंसा इसलिए हो रही है, क्योंकि ममता बनर्जी इसका समर्थन कर रही हैं।” साथ ही भंडारी ने आरोप लगाया कि बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
“पुलिस प्रशासन एक तरफ अध्यापकों पर लाठी और डंडे चलाता है, क्योंकि शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी एक्सपोज हो चुकी हैं, वहीं दूसरी तरफ मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया में हिंदुओं पर हमला किया जा रहा है, इस दौरान पुलिस शांत बैठती है। पुलिस पर भी हमला होता है, तो भी पुलिस शांत रहती है। क्योंकि ममता बनर्जी ने पुलिस के हाथ को बांध रखा है।”
प्रदीप भंडारी के इस बयान के कुछ ही घंटे पहले ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक शांति संदेश पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से संयम बरतने की अपील की थी। उन्होंने लिखा था, “सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत और संयमित रहें। धर्म के नाम पर किसी भी अधार्मिक व्यवहार में शामिल न हों। हर इंसान की जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे मत भड़काओ। जो लोग दंगा कर रहे हैं वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
हालांकि ममता बनर्जी की इस शांति अपील को भाजपा ने महज “डैमेज कंट्रोल” की कोशिश बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम रही है और पुलिस-प्रशासन को जानबूझकर निष्क्रिय बनाए रखा गया है।
उधर, मुर्शिदाबाद, हुगली, 24 परगना और मालदा जैसे जिलों में वक्फ कानून के विरोध में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं। हिंसा की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर रखे हुए है, जबकि भाजपा लगातार राष्ट्रपति शासन की मांग उठाने की ओर बढ़ रही है।
यह मामला अब राजनीतिक से अधिक संवेदनशील सामाजिक मुद्दा बन चुका है, जिसमें धर्म, कानून व्यवस्था और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की तीखी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल की स्थिति पर देश भर की निगाहें टिकी रहेंगी।
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