वक्फ विरुद्ध भारत सरकार: सत्ता पक्ष द्वारा व्हीप जारी, आज बदल पाएगी वक्फ की रचना?

ग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस विधेयक को अल्पसंख्यक अधिकारों में हस्तक्षेप मान रहे हैं। उनका तर्क है कि सरकार वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण बढ़ाकर एक विशेष समुदाय को निशाना बना रही है।

वक्फ विरुद्ध भारत सरकार: सत्ता पक्ष द्वारा व्हीप जारी, आज बदल पाएगी वक्फ की रचना?

Waqf vs Indian Government: Whip issued by the ruling party, will the structure of Waqf be changed today?

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। भाजपा, कांग्रेस, जदयू और टीडीपी समेत कई दलों ने अपने सांसदों के लिए व्हीप जारी कर दिया है।

सरकार का कहना है कि यह संशोधन वक्फ बोर्डों की कार्यक्षमता को सुधारने और अतिक्रमणों को रोकने के लिए आवश्यक हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार बहस चाहती है और सभी दलों को अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा।

संशोधन की मुख्य बातें: वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995” किया जाएगा। इस विधेयक में सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम में लगभग 40 बदलाव करना चाहती है। इनमें प्रमुख संशोधनों में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की भागीदारी को बढ़ाने पर विचार किया गया है। इसके अलावा, महिलाओं और अन्य मुस्लिम समुदायों की सहभागिता बढ़ाने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं। साथ ही, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण को अधिक पारदर्शी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।

सरकार के इस कदम को विपक्ष संदेह की दृष्टि से देख रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण बढ़ाकर एक विशेष समुदाय को निशाना बनाना चाहती है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: भाजपा का कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और प्रशासनिक सुधार लाने के लिए आवश्यक है। पार्टी का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों का अधिक पारदर्शी प्रबंधन हो सकेगा और अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई की जा सकेगी।

वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस विधेयक को अल्पसंख्यक अधिकारों में हस्तक्षेप मान रहे हैं। उनका तर्क है कि सरकार वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण बढ़ाकर एक विशेष समुदाय को निशाना बना रही है। विपक्ष का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के मौजूदा प्रावधानों को कमजोर कर सकता है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य धार्मिक संगठनों ने भी इस विधेयक का विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता को प्रभावित करेगा और इससे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर प्रभाव पड़ सकता है। इस विधेयक पर होने वाली बहस से भारतीय राजनीति में बड़ा मंथन सकती है। एनडीए सरकार के लिए यह शक्ति प्रदर्शन का अवसर भी होगा। अब सबकी नजर इस पर है कि क्या यह विधेयक आज पास होगा या नहीं।

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