फिलहाल राज्य में तीसरे कैबिनेट विस्तार की हलचल शुरू हो गई है| इस कैबिनेट विस्तार के लिए शिंदे गुट के कई विधायकों के नाम चर्चा में हैं, लेकिन, महाड विधायक भरत गोगावले को दोनों कैबिनेट विस्तार में मौका गंवाना पड़ा है। दूसरे कैबिनेट विस्तार में एनसीपी से अलग हुए 9 विधायकों ने मंत्री पद की लॉटरी जीत ली| इसलिए भरत गोगावले के साथ अन्याय होने की बात कही जा रही है| इस पर भरत गोगावले ने सफाई दी है|
उन्होंने कहा, ”हम और भाजपा विधायक इस बात पर सहमत हुए कि राष्ट्रवादी विधायकों को नहीं लिया जाना चाहिए। लेकिन, यह सब अगली राजनीति की चाल के रूप में हुआ है,” भरत गोगावले ने कहा। वह ‘एबीपी माजा’ के ‘माजा कट्टा’ के बारे में बात कर रहे थे।
भरत गोगावले ने कहा : ”मैं एक कार्यकर्ता हूं जो शिवराय के विचारों को मानता हूं|अगर हमें यह एहसास हो गया कि ‘लाखों लोग मर सकते हैं, लेकिन लाखों को बचाया जाना चाहिए’, अगर एकनाथ शिंदे मुसीबत में हैं, तो हमारे विधायकों का क्या काम? कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो अविस्मरणीय होती हैं। हम राजनीति में पंजीकृत हो सकते हैं।”
क्या एनसीपी के 9 विधायकों को गलत तरीके से मिला मंत्री पद?: क्या एनसीपी को सरकार में लेने की जरूरत नहीं थी? ऐसे सवाल पूछे जाने पर भरत गोगावले ने कहा, ”यह हमारी और भाजपा विधायकों की राय थी, लेकिन, हम समझ चुके हैं कि ये सब भविष्य की राजनीति की चाल के तौर पर हुआ है| 14 और मंत्रालय हैं|
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