इससे पहले शुक्रवार को नए कानून को लेकर मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में हुई हिंसा के दौरान पुलिस वैन समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। इस दौरान सुरक्षा बलों पर पत्थर भी फेंके गए और सड़कें जाम कर दी गईं। पुलिस ने बताया कि इन सभी जिलों में छापेमारी चल रही है और मुर्शिदाबाद में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हिंसा के सिलसिले में सुती से करीब 70 और समसेरगंज से 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’ अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इन जगहों पर शनिवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और हिंसा वाले स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
एक अधिकारी ने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सुती और समसेरगंज इलाकों में गश्त जारी है। किसी को भी कहीं भी इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है। हम कानून-व्यवस्था को बाधित करने की किसी भी कोशिश की इजाजत नहीं देंगे।
इस बीच पुलिस ने बताया कि सुती में झड़पों के दौरान कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए एक किशोर को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंसा वाले जिलों में मुस्लिम आबादी काफी है।
भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर वह स्थिति को संभालने में असमर्थ है, तो उसे केंद्र से मदद मांगनी चाहिए। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह विरोध का नतीजा नहीं था, बल्कि हिंसा का एक पूर्व नियोजित हथकंडा था।
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