पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट चेतावनी दी है कि कानून को हाथ में लेने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन का कोर ग्रुप मुर्शिदाबाद सहित संवेदनशील जिलों में स्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि इस विषय पर उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी बातचीत हुई है, जबकि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय भी पूरे घटनाक्रम पर सतर्क निगाह बनाए हुए हैं।
राज्यपाल बोस ने बताया कि बीएसएफ और स्थानीय पुलिस से कानून-व्यवस्था की स्थिति पर रिपोर्ट ली गई है। फिलहाल बीएसएफ की 9 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं। इसके साथ ही सीआरपीएफ, आरपीएफ और आरआईएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस भी केंद्रीय बलों के साथ समन्वय में काम कर रही है, और उपद्रवियों की गिरफ्तारी की जा रही है।
डॉ. बोस ने कहा, संकट में फंसे लोगों को केंद्रीय बलों के जरिए समय पर राहत पहुंचाई जा रही है। जो लोग हिंसा फैला रहे हैं और जो उन्हें संरक्षण दे रहे हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि अब यह सिर्फ कानून की नहीं, बल्कि न्याय बनाम अन्याय की लड़ाई बन चुकी है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालतें, सरकार और समाज के जिम्मेदार नागरिक एकजुट होकर हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को तैयार हैं। यह समाज को डराने और बांटने की साजिश के खिलाफ कठोर प्रतिकार का समय है। जो कानून तोड़ेंगे, उन्हें सजा भुगतनी ही पड़ेगी।
बंगाल के कई हिस्सों में हाल के दिनों में सांप्रदायिक तनाव, आगजनी और हिंसक घटनाओं की खबरें सामने आई थीं, विशेषकर मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर और मालदा जैसे जिलों से। विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि राज्य सरकार सभी पक्षों से संवाद स्थापित कर रही है और शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत है।
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