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Thursday, April 17, 2025
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पश्चिम बंगाल हिंसा: तीन की मौत, 150 से अधिक गिरफ्तार, केंद्रीय बल तैनात!

मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज में 65 वर्षीय हरगोबिंद दास और उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन दास को उनके घर से खींचकर जिहादी भीड़ ने मार डाला।

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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुक्रवार (11 अप्रैल) को जिहादियों ने हिंदुओं के घरों, दुकानों पर हमले किए, जिसमें तीन की मौत हो गई। हालांकि 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालात बिगड़ते देख कलकत्ता हाईकोर्ट ने जंगीपुर समेत सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज में 65 वर्षीय हरगोबिंद दास और उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन दास को उनके घर से खींचकर जिहादी भीड़ ने मार डाला, जबकि सूटी में 25 वर्षीय एजाज अहमद की गोली लगने से मौत हुई। यह हिंसा राज्य के कई मुस्लिम बहुल इलाकों में तेज रही। यह वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा है, जो अब एक तरह से कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गया है।

राज्य के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने पुष्टि की है कि शुक्रवार की हिंसा के संबंध में अब तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही, हिंसक भीड़ द्वारा संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचाया गया है।

गृह सचिव गोविंद मोहन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। केंद्र ने मुर्शिदाबाद में पहले से तैनात 300 BSF जवानों के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 5 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं। गोविंद मोहन ने कहा, “केंद्र सरकार हालात पर करीबी नजर रखे हुए है और हर संभव सहायता के लिए तैयार है।”

इस बीच वक्फ बिल के खिलाफ हिंसा की लपटें त्रिपुरा के उनाकोटी जिले तक पहुंच गईं, जहां एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने से कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हमने इस कानून पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है — हम इसका समर्थन नहीं करते और यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा। तो फिर दंगा किस बात का?” साथ ही उन्होंने धार्मिक भावनाओं के “राजनीतिक दुरुपयोग” के खिलाफ भी चेताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की मुख्यमंत्री ऐसे बयानों से हिंसा के घटनाओं और बंगाल के दंगों से हाथ झटकने की कोशिश कर रहीं है। साथ ही ज्ञात हो की सीएम ममता बॅनर्जी ने शनिवार (12 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल में केंद्रीय वक़्फ़ संशोधित कानून (उम्मीद) को लागू न करने की घोषणा की है,जो की संविधान से असंगत है।

दरम्यान टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी हिंसा को एक साजिश बताते हुए कहा, “कुछ लोग बंगाल को जलाना चाहते हैं।” उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की।

दूसरी ओर, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता सरकार तुष्टिकरण की राजनीति के चलते हिंसा पर नरमी बरत रही है। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा सत्ता में आई, तो ऐसे अल्पसंख्यक समूहों की अराजकता को पांच मिनट में कुचल देंगे।” दौरान कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मुस्लिम दंगों पर चादर डालने के इरादे से केंद्र पर हमला बोलै है, उनका आरोप है की भाजपा धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर समाज को भड़काने का काम कर रही है।

माना जा रहा है की, बंगाल में इस कानून के खिलाफ मुस्लिम समुदाय हिंसक रूप ले रहा है, जो की असल में भविष्य के आने वाले समान नागरी संहिता के विरोध की झलक दिखाने का प्रयास है।

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