केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बर्खास्त करने का फैसला किया है। महासंघ के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को अगली सूचना तक कोई भी निर्णय और कार्रवाई करने से रोक दिया गया है। इस फैसले पर पहलवानों ने संतुष्टि जताई है|
केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक के संन्यास की घोषणा और पहलवान बजरंग पुनिया के पद्मश्री पुरस्कार लौटाने के फैसले के बाद आया है। इस बारे में जब मीडिया ने संजय सिंह से पूछा तो उन्होंने सधी हुई प्रतिक्रिया दी|
समाचार पत्रों के अनुसार संजय सिंह की प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, ”मैं विमान में था इसलिए मुझे फैसले की जानकारी नहीं है| पत्र अभी तक मुझ तक नहीं पहुंचा है| मैं पहले पत्र देखूंगा और फिर मामले पर बोलूंगा।’ मैंने सुना है कि मुझे केवल काम करने से रोका गया था| सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि संजय सिंह इस फैसले के खिलाफ विशेषज्ञों से कानूनी सलाह ले रहे हैं|
संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी के रूप में देखा जाता था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि वाले संजय सिंह उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले हैं। वह पिछले डेढ़ दशक से कुश्ती महासंघ से जुड़े हुए हैं। कहा जाता है कि इसी बीच उनकी बृजभूषण सिंह से नजदीकी हो गयी| वह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष थे। वह 2009 में उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष बने।
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