मुंबई। भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने अपनी सांसद बहन प्रीतम मुंडे को केंद्र में मंत्री न बनाए जाने पर नाराज होने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के इस फैसले से वे और उनकी बहन प्रीतम मुंडे नाराज नहीं हैं। पंकजा मुंडे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी छोटी बहन और दो बार की सांसद प्रीतम मुंडे को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से वह दुखी नहीं हैं लेकिन उनके समर्थकों के बीच इसको लेकर नाराजगी जरुर है। पंकजा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रीतम मुंडे इतनी बड़ी नेता नहीं है कि पार्टी उनका राजनीतिक करियर खत्म करने की कोशिश करेगी, जैसा आरोप शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लगाया है। उन्होंने कहा कि मेरा जन्म वंजारा समुदाय में हुआ है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे वंजारा कहा जाए या ओबीसी नेता कहा जाए। मेरा ताल्लुक़ राज्य से है।
मैं एक महिला नेता हूं और मैं पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करती हूं। मुझे वंजारा नेता के रूप में दिखाना गलत होगा। पंकजा ने कहा कि उनके नाराज होने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार किया जा रहा था। उनकी तरह ही, हिना गावित के नाम पर भी विचार हो रहा था। प्रीतम मेहनती और वफादार पार्टी कार्यकर्ता हैं। उन्होंने बीड से रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की, वह इस वजह से नहीं कि वह गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं बल्कि इस वह एक योग्य उम्मीदवार हैं। पार्टी सर्वोच्च सच है। मेरे नाराज होने का कोई सवाल नहीं है।’’ शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में शुक्रवार का आरोप लगाया गया कि गोपीनाथ की छांव में बड़े हुए भागवत कराड को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने का मकसद पंकजा मुंडे का राजनीतिक करियर खत्म करना है। बृहस्पतिवार को जब भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया कि प्रीतम मुंडे के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से पंकजा मुंडे के गुस्से में होने की खबरें हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपको किसने बताया कि वे गुस्सा हैं? अफवाह न फैलाएं और उनकी छवि खराब न करें।’’