इंडिया’ से ‘भारत’ एक सांस्कृतिक यात्रा का दर्शन

भारत सरकार देश का नाम बदलकर भारत करने पर विचार कर रही है। "भारत" शब्द अधिक प्राचीन है और इसका प्रयोग सदियों से भारतीय साहित्य और धर्मग्रंथों में किया जाता रहा है।

इंडिया’ से ‘भारत’ एक सांस्कृतिक यात्रा का दर्शन

प्रशांत कारुलकर

प्राचीन भारतीय ग्रंथों में, “भारत” शब्द अक्सर भारतीय उपमहाद्वीप या उस भौगोलिक क्षेत्र को संदर्भित करता है जिसमें आधुनिक भारत शामिल है। भारतीय संस्कृति में “भारत” नाम का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है।

उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र संततिः।।

विष्णू पुराण का यह श्लोक आज से हजारों वर्ष पूर्व लिखा गया है। जिसका अर्थ “जो देश समुद्र के उत्तर में और बर्फीले पर्वतों के दक्षिण में स्थित है, उसे भारत कहा जाता है; वहाँ भरत के वंशज निवास करते हैं।” “भारतवर्ष” या “भारत” शब्द का प्रयोग विभिन्न प्राचीन ग्रंथों में भारतीय उपमहाद्वीप को दर्शाने के लिए किया गया है। इसका अर्थ अक्सर भारत की भूमि और लोगों से जोड़ा जाता है। इन ग्रंथों में “भारत” की अवधारणा भारतीय पौराणिक कथाओं और इतिहास में गहराई से निहित है, और यह समकालीन भारत में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है।

भारत सरकार देश का नाम बदलकर भारत करने पर विचार कर रही है। “भारत” शब्द अधिक प्राचीन है और इसका प्रयोग सदियों से भारतीय साहित्य और धर्मग्रंथों में किया जाता रहा है। यह कई भारतीय भाषाओं में देश का नाम भी है। “इंडिया” शब्द ग्रीक शब्द “इंडस” से लिया गया है, जो देश के उत्तर-पश्चिमी भाग से बहने वाली नदी का नाम है।

सरकार का कहना है कि देश का नाम बदलना भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के प्रयासों के अनुरूप है। इसमें यह भी कहा गया है कि “भारत” नाम अधिक समावेशी है और देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है।ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से भारत सरकार देश का नाम बदलकर भारत करने पर विचार कर रही है।

भारत की सांस्कृतिक पहचान पर जोर : “भारत” नाम “इंडिया” नाम से अधिक प्राचीन और गहरा सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह कई भारतीय भाषाओं में देश का नाम भी है। देश का नाम बदलकर भारत करना भारत के लिए अपनी सांस्कृतिक पहचान और विरासत पर जोर देने का एक तरीका होगा।

एकता और समावेशन को बढ़ावा : “भारत” नाम “इंडिया” नाम से अधिक समावेशी है। यह एक ऐसा नाम है जिसका उपयोग देश के सभी हिस्सों के लोगों द्वारा किया जाता है, चाहे उनका धर्म, भाषा या जातीयता कुछ भी हो। देश का नाम बदलकर भारत करना सभी भारतीयों के बीच एकता और समावेशन को बढ़ावा देने का एक तरीका होगा।

भारत को उसके औपनिवेशिक अतीत से दूर करना: देश को “इंडिया” नाम ब्रिटिश उपनिवेशवादियों द्वारा दिया गया था। देश का नाम बदलकर भारत करना भारत के लिए अपने औपनिवेशिक अतीत से दूरी बनाने और अपनी स्वतंत्रता पर जोर देने का एक तरीका होगा।

भारत सरकार को देश का नाम बदलकर भारत करना चाहिए या नहीं यह बहस का विषय है। परंतु देश की सांस्कृतिक विरासत की नीव रख इस देश की महानता को बरकरार रखने की मोदी सरकार की यह कोशिश अभिनंदनीय है।

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