उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस गहराने लगा है। पुष्कर सिंह धामी के हार जाने से बीजेपी खेमे में सीएम कौन होगा? इसको लेकर गुणा गणित लगने लगा है। हालांकि, आंतरिक सूत्र बताते हैं कि पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव में कड़ी मेहनत की है, इसलिए उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। वहीं, कुछ लोग इसे गलत परम्परा बताते हुए कहा कि अगर हारने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह गलत परम्परा कायम होगी। वहीं, पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्यपाल गुरमीत सिंह को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
बता दें कि, उत्तराखंड में 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में दोबारा वापसी की है। लेकिन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से हारने के बाद उनके दोबारा सीएम बनाये जाने पर संशय पैदा हो गया है। बीजेपी को राज्य में 70 में से 47 सीटें मिली हैं। बताते चले कि, बीजेपी को 44.33 फीसदी वोट मिले हैं। सीएम धामी खटीमा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार भुवन चंद्र कापड़ी से हार गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं ने राज्य की राजधानी देहरादून में विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया। बताया जा रहा है कि उन्होंने विधायकों के मूड को भांपने के लिए यह मुलाकात की है। विधानसभा चुनाव में धामी की हार के बाद उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में कई नाम चर्चा में हैं। जिसमें रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम चर्चा में है।
वहीं, पार्टी में एक वर्ग का मानना है कि पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने में कड़ी मेहनत की है इसलिए उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए। जबकि, कुछ लोगों का कहना है कि धामी के होने बाद आग उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह गलत संदेश जाएगा और भविष्य में कई अन्य लोग चुनाव हारने के बाद भी दावा करेंगे। राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद धामी ने कहा कि हमें जनता ने जनादेश दिया है और हमारा कार्यकाल भी पूरा हो गया है।
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