भारत जोड़ो यात्रा में आपा क्यों खो रहे मोहब्बत की दुकान लगाने वाले राहुल गांधी?

राहुल गांधी अमेठी में राम मंदिर पर बात कर रहे थे तो पूरे गुस्से में दिखाई दे रहे थे।

भारत जोड़ो यात्रा में आपा क्यों खो रहे मोहब्बत की दुकान लगाने वाले राहुल गांधी?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में है। जहां वे उत्तर प्रदेश के बनारस पर की गई टिप्पणी पर बवाल मचा हुआ है। तो उनकी एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें वे अपना आपा खोते हुए नजर आ रहे हैं। इसमें एक पत्रकार के सवाल पूछने पर इतने नाराज होते हैं कि उससे पूछते हैं कि तुम्हारा मालिक कौन है ? इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ता उसे पीटना शुरू करते हैं। राहुल गांधी कहते है मत मारो… मत मारो। इस दौरान पूरे घटना में वे आक्रामक दिखाई देते हैं और चीखते चिल्लाते नजर आ रहें हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी अपना आपा क्यों खो रहे हैं ? इसकी क्या वजह हो सकती है?

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी छोटी छोटी बातों पर ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वह बहुत बड़ा मुद्दा हो। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही अभिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या  राय को लेकर चार बार टिप्पणी कर चुके हैं। उनकी भाषा निम्नस्तर पर पहुंच चुकी है। राहुल गांधी समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहते हैं ” मीडिया से हो आप? नाम क्या है आपका? शिव प्रसाद जी हैं? ओबीसी हैं ? दलित हैं? आदिवासी हैं? आपके मालिक का क्या नाम है? क्या नाम है ? नाम बताओ, नाम बताओ, अरे मत मारो यार, मारो मत उसको, नाम बताओ…. इनके मालिक अरबपति हैं, ये किसानों की बात नहीं करेंगे ?

 

कहा जाता है कि राहुल गांधी बड़ी सौम्यता से बात करते हैं, लेकिन अभी तक देखा गया है कि  उन्होंने जब भी किसी से बात की है या रैली को संबोधित किया है, तब अपने बाहों की आस्तीनों  को चढ़ाते हुए देखे गए हैं। अपनी बातों को चिल्ला-चिल्लाकर कहते हैं, अब कुछ दिन से राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से राहुल, गांधी-बच्चन परिवार की नजदीकियां भूलते हुए बेवजह अमिताभ बच्चन के परिवार को कोस रहे हैं। ऐश्वर्या राय का एक सप्ताह में चार बार नाम ले चुके हैं। प्रियंका चोपड़ा को नाचने वाली बता चुके हैं।

जब राहुल गांधी अमेठी में राम मंदिर पर बात कर रहे थे तो पूरे गुस्से में दिखाई दे रहे थे। वे पूछ रहे थे कि राम मंदिर के उद्घाटन में कौन आया था, वहां कितने दलित ओबीसी थे? माना जा रहा है कि उनकी टीम उन्हें आक्रामक दिखाने की कोशिश कर रही है ?

जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के सामने राहुल गांधी की छवि को बड़ा दिखाने की कोशिश है। यही वजह है कि जब किसानों ने न्यूनतम मूल्य समर्थन ( एमएसपी ) को लेकर आंदोलन किया तो राहुल गांधी ने तुरंत एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद कई सवाल भीं उठे,क्या कांग्रेस पहले से तैयारी की थी या चुनावी लाभ उठाने की कोशिश भर है।

वैसे राहुल गांधी का स्वभाव मीडिया में सौम्य की बनाई गई है। लेकिन, राहुल गांधी सौम्य हैं नहीं, यह सच्चाई है। जब मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए एक विधेयक को प्रेस के सामने फाड़ दिया था। उस समय भी राहुल गांधी चीख चिल्ला रहे थे बाहों की आस्तीन को बार बार चढ़ा रहे थे। भले राहुल गांधी को भला और सच्चा नेता कहा जाता हो, लेकिन वे राजनीति से कोसो दूर हैं, उन्हें राजनीति की रत्ती भर जानकारी नहीं है। 2004 से लगातार राहुल गांधी सांसद हैं। लेकिन, दो टर्म कांग्रेस की सरकार रहने के बावजूद उन्होंने सरकार में मंत्री नहीं रहे है। कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए राहुल गांधी ने कोई बड़ा कारनामा नहीं किया। बल्कि उनके अध्यक्ष के कार्यकाल में कांग्रेस का पतन ही हुआ है।

बहरहाल, कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की आक्रमता के पीछे कांग्रेसी नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना है। वहीं, उनकी यात्राओं में पार्टी के उम्मीद के अनुसार भीड़ नहीं जुट रही है। बड़ी बात है। कहा जा रहा है कि राजनीति में लगातार मिल रही असफलता से राहुल गांधी का चिड़चिड़ापन होना स्वाभाविक है। साथ ही ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि राहुल गांधी का जब परिवार में कोई साथ देने वाला नहीं रह गया है। सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से उनका साथ देने में असमर्थ हैं तो प्रियंका गांधी के साथ अनबन की खबरें आती रही है। कुछ समय से देखा गया है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस से दूर-दूर नजर आ रही हैं।

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