सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के पिछले नतीजे को अमान्य करते हुए आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का नया मेयर घोषित कर दिया। लेकिन फिर भी ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ समूह को नगर निगम में बहुमत साबित करने की अग्निपरीक्षा का सामना करना पड़ेगा|
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा प्रत्याशी की जीत के आठ मतपत्रों को अवैध घोषित कर दिया, इसके बाद दोबारा मतगणना के आदेश दिए, जिसमें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार मेयर घोषित किये गए| चुनाव अधिकारी अनिल मसीह का आठ मतपत्रों से छेड़छाड़ का वीडियो वायरल हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया था| फिर भी इस मामले में इंडिया ग्रुप को नगर निगम चुनाव में अग्निपरीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है मामला?: भले ही सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया अघाड़ी के पक्ष में फैसला सुनाया हो, लेकिन उनके लिए चंडीगढ़ नगर निगम में बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है। 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को 14 वोट मिले|तो वहीं शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार और भाजपा सांसद किरण खेर का एक वोट भी भाजपा की झोली में गिर गया|आप के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरुचरण काला भी भाजपा में शामिल हो गए हैं|
इस तरह से 36 पार्षदों वाले नगर निगम में भाजपा के पास 19 वोट हैं| तो,आप-कांग्रेस गठबंधन के पास 20 वोट थे। इनमें से आठ वोटों को चुनाव अधिकारियों ने अमान्य कर दिया। भले ही सुप्रीम कोर्ट इन वोटों को मान्य कर दे, लेकिन अखिल भारतीय गठबंधन के पास केवल 17 वोट हैं। इसलिए उन्हें बहमुत साबित करने के लिए दो वोट कम पड़ गए।
यह भी पढ़ें-
मराठा आरक्षण: अजय महाराज बारस्कर के गंभीर आरोप, कहा, झूठ बोलता जरांगे!