परिसीमन के बाद बदल गया जम्मू कश्मीर का पूरा समीकरण, जाने क्या है गणित?            

जम्मू कश्मीर विधानसभा में 111 सीटें होती थी जो परिसीमन के बाद 114 हो गई। 

परिसीमन के बाद बदल गया जम्मू कश्मीर का पूरा समीकरण, जाने क्या है गणित?            

अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर से जुड़े दो बिल को पेश किया। जिसमें एक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल 2023 और दूसरा जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पर चर्चा हुई। इसके साथ ही उन्होंने परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों का भी ऐलान किया। जहां उन्होंने कहा कि सात दशक से जिन लोगों पर अन्याय हुआ, उन्हें अपमानित किया गया और अनदेखी की गई ,उन्हें यह बिल न्याय दिलाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा में 107 सीटें होती थी जो परिसीमन के बाद 114 हो गई।

चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों की पीएम मोदी ने आंसू पोछने का काम किया। जिस तरह से 70 सैलून से जम्मू कश्मीर के लोग ठोकरें खा रहे थे और उनकी अनदेखी की गई  उन भाई बहनों को न्याय दिलाने के लिए दो सीट आरक्षित की गई है। पीओके  से आये लोगों के लिए भी आरक्षण का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जो कमजोर हैं उनको पिछड़ा वर्ग वाला संवैधानिक शब्द दिया गया है।

परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर में सीटों में बड़ा बदलाव हुआ है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने से पहले  जम्मू में 37 सीटें थी जो अब 43 हो गई हैं। वहीं कश्मीर में 46 सीटें थी जो अब 47 हो गई है। पीओके के लिए पहले एक भी सीट नहीं थी अब 24 सीटें आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा इसलिये किया गया है कि पीओके हमारा है। जबकि एसटी के लिए भी पहले कोई आरक्षित सीट नहीं थी अब 9 सीटें आरक्षित की गई है। कश्मीर विस्थपितों के लिए भी दो सीटों का प्रावधान है। जिसमें एक महिला प्रतिनिधित्व जरुरी है। पहले ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं थी।  पीओके के विस्थापितों के लिए इस बार एक सीट की व्यवस्था की गई है। नामांकितों के लिए पहले दो सीटें थी अब उसे बढ़ाकर 5 कर दिया गया है।

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