उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। शनिवार (22 नवंबर) को राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि अपने-अपने जिलों में अस्थायी डिटेंशन सेंटर स्थापित करें, जहां पकड़े गए अवैध प्रवासियों को रखा जा सके। इन केंद्रों में रखे गए व्यक्तियों को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके मूल देशों में प्रत्यर्पित किया जाएगा।
अभी तक ऐसे केंद्र केवल असम में संचालित हो रहे थे, लेकिन यूपी अब इस मॉडल को व्यापक रूप से लागू करने की तैयारी में है, ताकि राज्य में बढ़ते अवैध आवागमन को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित किया जा सके। यह निर्देश यूपी समेत 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के SIR अभियान का दूसरा चरण चल रहा है इसी बीच आया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस राष्ट्रीय अभियान में जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि देश और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि देश की मतदाता सूची में एक भी घुसपैठिया न रहे। गुजरात में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 61वीं स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा, “आज मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम अकेले दम पर इस देश से सभी घुसपैठियों को निकाल देंगे। यही हमारा संकल्प है।”
चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रशिक्षण और प्रिंटिंग फेज चला, जबकि 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर सत्यापन और एन्यूमरेशन हो रहा है। ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित होगी, जिसके बाद 8 जनवरी 2026 तक दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया चलेगी। 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक नोटिस वेरिफिकेशन का चरण चलेगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी।
यूपी की नेपाल के साथ खुली सीमा होने के कारण दोनों देशों के नागरिकों को स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति है, लेकिन अन्य देशों के नागरिकों पर कड़े निगरानी प्रोटोकॉल लागू हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों से अवैध प्रवासी SIR की सख्त जांच से बचने के लिए उत्तर प्रदेश का रुख कर रहे हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन को फील्ड वेरिफिकेशन, पहचान जांच और स्थानीय खुफिया तंत्र को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
हालांकि विपक्ष ने आशंका जताई है कि SIR प्रक्रिया गरीब और वंचित वर्गों के मतदाताओं को निशाना बना सकती है, लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम पूरी तरह कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे हैं। अवैध गतिविधियों के प्रति किसी भी प्रकार की सहनशीलता नहीं बरती जाएगी। डिटेंशन सेंटरों की स्थापना, अवैध प्रवासियों की पहचान और प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि योगी सरकार SIR के साथ-साथ सुरक्षा तंत्र को भी कड़ा बनाने पर पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है।
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