उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा खेल कर दिया है। उन्होंने यूपी के हर जिलों के हर मंदिरों और शक्तिपीठों में रामायण पाठ और दुर्गा सप्तशती पाठ कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए सरकार ने हर जिले को एक एक लाख रूपये देने का भी एलान किया है। सभी डीएम को जिला,तहसील और ब्लॉक स्तर ऐसे आयोजन कराने का निर्देश दिया गया।
अखिलेश मंदिरों का लगा रहे थे चक्कर: ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि योगी सरकार ने यह निर्णय क्यों लिया है। माना जा रहा है राज्य की योगी सरकार विपक्ष को इस आयोजन के जरिये बड़ा संदेश देने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि पिछले दिनों विपक्ष के नेता अखिलेश यादव बीजेपी के हिंदुत्व वाली राजनीति पर सवाल खड़ा किया था। इतना ही नहीं, अखिलेश यादव मंदिरों का चक्कर लगा रहे थे और रामचरित मानस की कुछ लाइनों को लेकर उनके पार्टी के नेता सवाल उठा रहे थे।
विपक्ष को घेरने की कोशिश: अब योगी सरकार ने हर जिलों में रामायण पाठ और सप्तशती पाठ के जरिये विपक्ष को घेरने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि इस आयोजन के जरिये आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी विपक्ष को हिंदुत्व पर मुंह बंद करने की तैयारी में है।सरकार की इस घोषणा से यूपी की राजनीति गरमा गई है। इसका विरोध करने वालों के सामने मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, बीजेपी इस आयोजन को सरकार की उपलब्धि के तौर पर दिखा सकती है।
22 मार्च से चैत नवरात्र: बताया जा रहा है कि रामनवमी पर मंदिरों में अखंड रामायण कराया जाएगा। गौरतलब है कि 22 मार्च से चैत नवरात्र शुरू हो रहा है। इस दौरान शक्तिपीठों में पूज पाठ का आयोजन कराया जा सकता है। इन कार्यक्रमों में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इन कार्यक्रमों की तैयारी को 21 मार्च तक पूरा करने के लिए कहा गया है।
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