उत्तराखंड के कावड़ यात्रा में भी योगी मोडल !

हरिद्वार पुलिस ने बताया है की कई बार खाद्य बिक्री के केंद्रों पर प्रोप्राइटर की जानकारी न होने के कारण विवाद हो जाते है। ऐसे में उन्हें कम करवाने के लिए हम सत्यापन करवाकर ढाबे, होटलों पर प्रोप्राइटर के नाम बोर्ड पर इंगित करवा रहें है। 

उत्तराखंड के कावड़ यात्रा में भी योगी मोडल !

Yogi model also in Kavad Yatra of Uttarakhand!

उत्तरप्रदेश में पिछले सप्ताह से कल (22 जुलाई) से शुरु होने हो रहीं कावड़ यात्रा के मार्ग पर सभी खाने पिने के दुकानों, होटलों, और विक्रेताओं को अपने नाम लिखने का आदेश दिया । इस आदेश के बाद सोशल मीडिया से लेकर दफ्तरों तक राजनीतिक चर्चा ने जोर पकड़ा था। आलोचना और समर्थन से भरें इस निर्णय ने पुरे देश का ध्यान आकर्षित कर लिया था। जिसके बाद उत्तराखंड की सरकार ने भी कावड़ यात्रा के मार्ग विक्रेताओं को अपना नाम लिखने के आदेश दिए है।

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मुख्यमंत्री योगी का कांवड़ियों के मार्ग में आने वाले दुकानदारों को सख्त निर्देश!

उत्तराखंड में विरोधकों ने इस निर्णय की आलोचना की है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस निर्णय को समाज को बांटने वाला निर्णय बताया है। विपक्ष को डर है की इस मार्ग पर दुकानदारों ने अगर अपने नाम के बोर्ड लगा दिए तो कावड़यात्री मुस्लिम समुदाय के विक्रेताओं से सामान नहीं खरीदेंगे। कई विऱोधकों ने यह भी कहना शुरू कर दिया है की, भारतीय जनता पार्टी कावड़ यात्रा के जरिए हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा उकेरना चाहती है जिससे पुरे देश को धर्म के नाम पर बांटा जा सके।

दूसरी तरफ सोशल मिडिया पर इस निर्णय के समर्थक ग्राहक के चयन करने के अधिकार (Right to choose) का जिक्र करते हुए कावड़ यात्रियों के अधिकार याद दिला रहे है। धार्मिक बाजु को देखते हुए कावड़ यात्री इस यात्रा के दौरान श्रद्धापूर्वक यात्रा को पूर्ण करने की कोशिश करते है, जिसमें वे मांस, मच्छली तो दूर प्याज और लहसुन से भी परहेज करते है। ऐसे में अगर उन्हें छद्मता से अपने चयन के अधिकारों से वंचित रखा जाता है तो ये उनपर अन्याय होगा। इस निर्णय पर समर्थको ने मुस्लिम समुदाय द्वारा हलाल सर्टीफिकेट का दुरपयोग करने को लेकर बाते करना शुरु कर दिया है।

इस बात पर हरिद्वार के डीएम ने बताया, सत्यापन करवा कर कावड़ यात्रा के मार्ग में ढाबे के सामने नाम लिखवाये जायेंगे, जिससे कावड़ यात्रा में सम्मिलित होनेवाले श्रद्धालुंओं पता हो वो किसके पास खाना खा रहे है। साथ में जिन लोगो को एसडीएम स्तर पर अनुमति दी जा रही है उसमें हम खाने की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करवा रहें है। हरिद्वार पुलिस ने बताया है की कई बार खाद्य बिक्री के केंद्रों पर प्रोप्राइटर की जानकारी न होने के कारण विवाद हो जाते है। ऐसे में उन्हें कम करवाने के लिए हम सत्यापन करवाकर ढाबे, होटलों पर प्रोप्राइटर के नाम बोर्ड पर इंगित करवा रहें है।

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