प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आशा व्यक्त की कि भारतीय युवाओं की ताकत देश को विकास की ओर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित करने का लक्ष्य कुछ लोगों को कठिन लग सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हर कदम, नीति और निर्णय ‘विकसित भारत’ की भावना से निर्देशित हो तो कोई भी ताकत भारत को विकसित देश बनने से नहीं रोक सकती।
उन्होंने कहा, एक विकसित भारत वह है जो आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत हो, जहां अर्थव्यवस्था और पर्यावरण भी विकसित हो। उन्होंने कहा कि 2047 तक के 25 वर्ष भारत का स्वर्ण युग (अमृतकाल) थे।
किसी भी देश को प्रगति हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लक्ष्य के बिना जीवन अकल्पनीय है। जब हम महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो हम उन्हें हासिल करने के लिए अथक प्रयास करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत इसी भावना को मूर्त रूप दे रहा है।
3,000 युवाओं के साथ बातचीत: प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में 30 लाख से अधिक प्रतिभागियों में से योग्यता आधारित, बहुस्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए 3,000 युवाओं के साथ बातचीत की। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन, 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा ‘विकसित भारत’ अकेले मोदी का नहीं, उनका भी है| महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
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