इस साल नाग पंचमी का पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन पूजा करने से राहु केतु से बनने वाले दोष और अशुभता से राहत मिलती है। इस बार नाग पंचमी पर राहु और केतु की पूजा का विशेष योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा। सावन महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है, क्योंकि शिव के अलावा अन्य सभी देवी-देवता पाताल लोक में जाकर निंद्रासन में चले जाते हैं। नाग पंचमी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा होती है और उनका रूद्राभिषेक किया जाता है। इससे राहु और केतु का बुरा प्रभाव खत्म होता है।
हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का अहंकार तोड़ा था। इस दिन नाग देव को दूध से स्नान कराया जाता है। इससे राहु और केतु के सहयोग से बनने वाले कालसर्प, ग्रहण योग, गुरु चंडाल योग, जड़त्व योग आदि दोष दूर होते हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। नाग पंचमी पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा, जबकि पंचमी तिथि 12 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 13 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान 13 अगस्त 2021 की सुबह 5 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहेगा। इसकी अवधि 2 घण्टे 39 मिनट है। इस दौरान ही आप भी पूजा करके विशेष लाभ पा सकते हैं।