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Sunday, November 24, 2024
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इस नवरात्रि नाव पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानिए इसका धार्मिक महत्व

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत बुधवार 22 मार्च 2023 से हो रही है, जिसका समापन 30 मार्च को होगा।

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चैत्र नवरात्रि को मनाने के लिए हर घर में तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023, बुधवार से शुरू हो रही है यानी 22 मार्च से हिंदू नववर्ष नव संवत्सर 2080 भी शुरू होगा। 30 मार्च तक नवरात्रि है और 31 मार्च को दशमी के दिन समापन होगा। नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन विशेष वाहन में होता है, जिसका अपना खास महत्व होता है। इस साल मां नौका में सवार होकर आ रही हैं।

दरअसल माता रानी के वाहन को शुभ-अशुभ फल का सूचक माना गया है। इसका प्रकृति से लेकर मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इसलिए माता रानी के वाहन को महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं माता रानी के नौका में आने का तात्पर्य क्या है-

हर नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं, जिसका अलग-अलग अर्थ और संकेत होता है। वहीं इस बार चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आ रही हैं। कहते हैं कि मां दुर्गा जब नौका पर सवार होकर धरती पर आती हैं तो इसका मतलब है कि उस साल अच्छी बारीश व फसल की संभावना है। यानि यह साल किसानों के लिए बहुत ही शुभ और फलदायी साबित होने वाला है। ज्योतिषों के अनुसार इस नवरात्री माता रानी का आना और जाना दोनों ही शुभ स्थिति में होने जा रहा है।

जानिए मां दुर्गा के सभी वाहनों का अर्थ-
सप्ताह के सात दिनों के आधार पर माता की सवारी तय की जाती है जैसे- नवरात्रि का आरंभ यदि सोमवार या रविवार के दिन से होता है तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है। नवरात्रि अगर शनिवार या मंगलवार से शुरू होती है तो माता रानी घोड़े में सवार होकर आती हैं। वहीं गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि की शुरुआत होने पर मां का आगमन डोली पर होता है, वहीं अगर बुधवार से नवरात्रि शुरू होती है तो मां दुर्गा का वाहन नौका होता है।

जानिए प्रस्थान के वाहनों का अर्थ-
हालांकि जिस प्रकार मातारानी के आगमन की सवारी होती है, वैसे ही प्रस्थान की भी सवारी होती है। जैसे यदि रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं, तो इससे देश में रोग और कष्ट बढ़ता है। शनिवार या मंगलवार को मां मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं। जिससे जनता में दुख और कष्ठ बढ़ता है। बुधवार और शुक्रवार को माता रानी हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। इससे बारिश अधिक होती है। गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं। इसका अर्थ है कि सुख-शांति बनी रहेगी। ऐसे में इस साल चैत्र नवरात्रि का समापन 31 मार्च शुक्रवार को होगा और मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी। जो अधिक बरसात को ओर संकेत करता है।

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