चाणक्य नीति: कौन सा व्यक्ति पृथ्वी पर ही स्वर्ग जैसा अनुभव करता है, क्यों?

चाणक्य नीति: कौन सा व्यक्ति पृथ्वी पर ही स्वर्ग जैसा अनुभव करता है, क्यों?
आचार्य चाणक्य की नीति हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। चाणक्य की कुछ नीतियां यहां बता रहे जो सबके लिए हितकर।आचार्य चाणक्य ने घर में लक्ष्मी जी का कैसे वास हो इस पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने यह भी बताया है कि कौन से व्यक्ति को धरती पर रहकर स्वर्ग जैसा महसूस होता है। बता दें आचार्य चाणक्य  महान शिक्षाविद, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ थे। चाणक्य की लिखी बातें आज भी प्रासंगिक हैं।

जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते।
जो हरदम भगवान को याद करते है उन्हें पाप नहीं छू सकता है।
जो मौन रहते है वो झगड़ों में नहीं पड़ते।
जो जागृत रहते है वो निभरय होते है।
धन की देवी लक्ष्मी स्वयं वहां चली आती है जहां।
मूर्खों का सम्मान नहीं होता।
अनाज का अच्छे से भंडारण किया जाता है।
पति, पत्नी में आपस मे लड़ाई बखेड़ा नहीं होता है।
उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया।
जिसका पुत्र आज्ञाकारी है।
जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यवहार करती है।
जिसे अपने धन पर संतोष है।
वह व्यक्ति सुरक्षित रह सकता है जो इन परिस्थितियों के आने पर भाग जाए।
 भयावह आपदा।
विदेशी आक्रमण।
भयंकर अकाल।
दुष व्यक्ति का संग।
ये छह बातें शरीर को बिना अग्नि के ही जला देती हैं।
पत्नी का वियोग होना।
अपने ही लोगों से बेइज्जत होना।
बचा हुआ ऋण।
दुष्ट राजा की सेवा करना।
गरीबी एवं दरिद्रों की सभा।
बुद्धिमान व्यक्ति को ऐसे देश में कभी नहीं जाना चाहिए जहां ।
 रोजगार कमाने का कोई माध्यम ना हो।
जहां लोगों को किसी बात का भय न हो।
जहां लोगों को किसी बात की लज्जा न हो।
जहां लोग बुद्धिमान न हो।
और जहां लोगों की वृत्ति दान धर्म करने की ना हो।

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