एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। रविवार यानी 14 नवंबर को कार्तिक शुक्ल की एकादशी है। जिसे देव उठानी , देव प्रबोधिनी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन माता तुलसी के विवाह का भी आयोजन किया जाता है। इस दौरान विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करनी चाहिए।
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह भी होता है। इस दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। इस दिन माता तुलसी और शालीग्राम भगवान की भी विधि- विधान से पूजा करें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।
शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:57 am से 05:50 amअभिजित
मुहूर्त- 11:44 am से 12:27 pm
विजय मुहूर्त- 01:53 pmसे 02:36 pm
गोधूलि मुहूर्त- 05:17 pm से 05:41 pm
अमृत काल- 08:09 am से 09:50 am
निशिता मुहूर्त- 11:39 pmसे 12:32 am, नवम्बर 15
सर्वार्थ सिद्धि योग- 04:31 pm से 06:44 am, नवम्बर 15
रवि योग- 06:43 am से 04:31 pm
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