दहीहंडी में घायल गोविंदाओं का होगा मुफ्त इलाज

  सरकार ने जारी किया हर साल के लिए यह नियम

दहीहंडी में घायल गोविंदाओं का होगा मुफ्त इलाज

हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर होने वाले दहीहंडी उत्सव में भाग लेने वाले गोविंगा बड़ी संख्या में जख्मी होते हैं। इनमें से कई इलाज के अभाव में विकलांग हो जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य की हिंदुवादी सरकार ने गोविंदाओं का सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में मुफ्त में इलाज कराने का फैसला किया है। इसके लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी किया गया। खास बात यह है कि यह आदेश सिर्फ इस साल के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए लागू रहेगा।
शुक्रवार को मुंबई-ठाणे में पूरे उत्साह से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सहित दही हंडी उत्सव मनाया गया। गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दही-हंडी उत्सव के दौरान गोविंदाओं के घायल होने पर उनका सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की थी। इस अनुसार शुक्रवार को नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल इस बारे में शासन निर्णय जारी किया।

राज्य में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और दही-हंडी उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। दही-हंडी उत्सव में भाग लेने वाले गोविंदा अक्सर दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। कुछ गोविंदाओं को मामूली चोटें आती हैं और कुछ गोविंदाओं को गंभीर चोटें आती हैं। कई गोविंदाओं के समय पर इलाज न होने पर स्थायी रूप से विकलांग होने की भी संभावना बन जाती है। इन गोविंदाओं को नि:शुल्क एवं समय पर चिकित्सा उपचार प्राप्त कराने की आवश्यकता है। ऐसे में दही-हंडी उत्सव में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले गोविंदाओं घायल हो जाते हैं तो उनका इलाज सभी महानगरपालिका सहित नगर पालिका अस्पताल, दवाखाना में मुफ्त में किया जाएगा।

यदि गोविंदा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत आने वाले किसी भी शासकीय चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालय में उपचार हेतु भर्ती होता है तो वहां भी उनका निशुल्क इलाज किया जाएगा। यह शासन निर्णय स्थायी होगा और हर साल लागू होगा।  सरकार के निर्णय में यह निर्देश भी शामिल है कि निर्णय का पालन नहीं करने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पतालों के संबंधित अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

24 गोविदा घायल:
शुक्रवार की शाम तक मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में कुल 24 घायल गोविदाओं को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था जिसमे से 19 को उपचार के बाद घर भेज दिया गया जबकि 5 को अस्पताल में भर्ती किया है। उनकी हालत स्थिर है। मुंबई मनपा के अनुसार सबसे ज्यादा 9 लोग केईएम अस्पताल पहुंचे थे।

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