हनुमान जयंती पर देवास से अयोध्या तक विशेष आयोजन, मनोकामना पूर्ति के लिए किए जा रहे विशेष उपाय

हनुमान जयंती पर देवास से अयोध्या तक विशेष आयोजन, मनोकामना पूर्ति के लिए किए जा रहे विशेष उपाय

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हनुमान जयंती का पर्व इस वर्ष शनिवार (12अप्रैल) को पड़ने से हनुमान भक्तों को शनिदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ, जिससे श्रद्धा और भक्ति का उत्साह दुगुना हो गया। देशभर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। जय श्रीराम और जय हनुमान के नारों ने वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। भंडारे, शोभायात्राएं, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठों से पूरे भारत में बजरंगबली की आराधना का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।

मध्य प्रदेश के देवास स्थित श्री खेड़ापति मारुति मंदिर में सुबह छह बजे से ही भव्य महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। तीन सौ वर्ष पुराने इस मंदिर को फूलों से सजाया गया और भगवान हनुमान को विशेष चोला चढ़ाया गया। मंदिर के पुजारियों — दर्शन उपाध्याय, तृप्तेश उपाध्याय और दक्षेश उपाध्याय ने बताया कि, “यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है… हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर हनुमान जी का भव्य श्रृंगार किया गया और सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।”शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भी हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ, विशेष पूजन, और भंडारों का आयोजन हुआ।

मैहर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा हनुमान जयंती के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह यात्रा बड़ा अखाड़ा से प्रारंभ होकर कटरा बाजार और पुरानी बस्ती जैसे प्रमुख मार्गों से होकर निकली। यात्रा में संत समाज, विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष गीता संतोष सोनी और भाजपा-बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

प्रांत सेवा प्रमुख अनुराग मिश्रा ने कहा,“हर साल रामनवमी और हनुमान जयंती पर ऐसी शोभायात्राएं आयोजित की जाती हैं।”जगह-जगह श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया और माहौल को भक्तिमय बना दिया। आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और नगरवासियों की सहभागिता उल्लेखनीय रही।

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जयंती पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। मंदिर को फूलों और रंगोली से सजाया गया था। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ, और विशाल भंडारे यहां के आयोजन का हिस्सा रहे। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और पूरे परिसर में जय हनुमान के जयकारे गूंजते रहे।

भक्तों ने सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमान जी का पूजन किया। मान्यता है कि हनुमान चालीसा का 7 या 11 बार पाठ, सुंदरकांड का पाठ और रामायण कथा श्रवण से हनुमान जी विशेष प्रसन्न होते हैं। कई स्थानों पर विशेष पूजन और अनुष्ठान किए गए। भक्तों ने मनोकामनाओं की पूर्ति और कष्टों के निवारण के लिए ये उपाय किए।

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