24 C
Mumbai
Monday, November 25, 2024
होमधर्म संस्कृतिजानिए बनारस में क्यों इस मंदिर में धनतेरस पर बांटे जाते हैं सिक्के?     

जानिए बनारस में क्यों इस मंदिर में धनतेरस पर बांटे जाते हैं सिक्के?     

Google News Follow

Related

वाराणसी। गंगा नदी के किनारे बसे वाराणसी की महान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है। यह शहर भगवान शिव का भी घर है क्योंकि यहां प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है। वाराणसी भारत भर से पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है, लेकिन क्या आपने काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा यहां एक ऐसा स्थान भी है जो एक महान धार्मिक मूल्य रखता है।

धनतेरस पर भक्तों को वितरित होते हैं सिक्के: काशी विश्वनाथ मंदिर के पास अन्नपूर्णा देवी मंदिर है। यहां प्रसाद के रूप में प्रसाद के रूप में बांटे जाने वाले ‘खजाना’ को पाने के लिए भक्त बड़ी संख्या में धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा से प्रार्थना करते हैं। अन्नपूर्णा देवी मंदिर में धनतेरस पर भक्तों को सिक्के वितरित किए जाते हैं। यह वर्ष में केवल एक बार धनतेरस के शुभ अवसर पर होता है और इसलिए, भक्त देवी का आशीर्वाद पाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा के खजाने का सिक्का अगर घर में रखा जाए तो भक्तों को हमेशा सुख, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। देवी का आशीर्वाद पूजा कक्ष या घर के तिजोरी में रखना चाहिए।

500 साल पुरानी स्‍वर्ण मूर्तियां स्थापित: धनतेरस के दिन अन्नपूर्णा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। मंदिर के गर्भगृह में मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण मूर्ति है जो धनतेरस पर भक्तों के लिए खुलती है। धनतेरस से दिवाली तक भक्तों के लिए गर्भगृह चार दिनों तक खुला रहता है।दिवाली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्‍सव के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस मंदिर में 500 साल पुरानी स्‍वर्ण मूर्तियां स्थापित हैं जो मां अन्‍नपूर्णा की मूर्ति के साथ ही विराजमान हैं। मां अन्‍नपूर्णा के सामने खप्‍पर लिए खड़े भगवान शिव अन्नदान की मुद्रा में है। दायीं ओर मां लक्ष्मी और बायीं तरफ भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है।

मंदिर से जुड़ी यह कथा है प्रचलित: कहा जाता है कि मां अन्नपूर्णा देवी पार्वती का ही एक रूप हैं। वह दुनिया को प्रचुर मात्रा में भोजन का आशीर्वाद देती है। पूजा को पूरी लगन के साथ करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। मंदिर से जुड़ी प्रचलित कथा इस प्रकार है। जब भगवान शिव काशी आए थे, तो उन्होंने वहां के लोगों को खिलाने के लिए मां अन्नपूर्णा से प्रार्थना की थी। तभी से काशी पर हमेशा देवी की कृपा बनी रहती है।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,294फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
196,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें