अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संन्यास ले लिया था। बॉलीवुड में लंबे समय तक प्रसिद्ध रहीं अभिनेत्री और कुछ ही समय में माफिया से संबंधो के कारण ममता कुलकर्णी सुर्खियों में रही। हालांकि संन्यास की दीक्षा के बाद उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का पद दिया गया, जिससे बहुत बड़ा विवाद पैदा हो गया और कई लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया। आखिरकार ममता कुलकर्णी को अब महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया , इसी के साथ उन्हें किन्नर अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है।
किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने की विवाद के बीच सख्त कदम उठाया है। उन्होंने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से हटाने के साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से पदमुक्त किया है।
इस कारवाई के बाद अजय दास ने शुक्रवार (31 जनवरी)को घोषणा की कि किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा। साथ ही नए आचार्य महामंडलेश्वर की घोषणा भी जल्द की जाएगी। इस बात पर भी सवाल उठाया कि एक महिला को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है।
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कुछ दिन पहले ममता कुलकर्णी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान पिंडदान (देवता को जल चढ़ाना) कर संन्यास लिया था। इसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया। महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता को श्री यमाई ममता नंदगिरी नाम दिया गया। हालांकि इसके बाद अन्य संतों ने सवाल उठाए कि आखिर एक महिला को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बना दिया गया। संस्थापकों ने अंततः इस पर कारवाई की है।