प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत ने अयोध्या में फहराया भगवा ध्वज

श्रद्धालु और विभिन्न अखाड़ों के साधु सुबह से ही बड़ी संख्या में एकत्र होने लगे थे। कई लोगों ने कहा कि पूरा शहर इस ऐतिहासिक क्षण के लिए एकदम नए रूप में दिखाई दे रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत ने अयोध्या में फहराया भगवा ध्वज

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (25 नवंबर) को अयोध्या में नव-निर्मित राम मंदिर के औपचारिक पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया, जिसे ऐतिहासिक ‘ध्वज आरोहण’ समारोह के रूप में देखा जा रहा है। तड़के भोर से ही हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने लगे थे और पूरे शहर में जय श्री राम के जयकारों के बीच श्रद्धा, उल्लास और आध्यात्मिक उमंग का वातावरण छाया रहा। यह पहला अवसर है जब मंदिर के संपूर्ण निर्माण कार्य के पूर्ण होने की सार्वजनिक घोषणा राष्ट्र के सामने की गई।

प्रधानमंत्री मोदी सुबह अयोध्या पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर पहुंचे और फिर सप्तमंदिर परिसर में पहुंचे, जहां उन्होंने सरसंघचालक मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वैदिक अनुष्ठान किए। सप्तमंदिर परिसर में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी को समर्पित मंदिर स्थित हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री और भागवत ने राम दरबार गर्भगृह में भी पूजा-अर्चना की। गर्भगृह से जारी दृश्यों में राम दरबार की पहली झलकियां भी सामने आईं। राम दरबार पर काम करने वाले मूर्तिकार प्रशांत पांडेय ने कहा, “इसे आंखों से और दिल से ही देखा जा सकता है। मेरे हृदय का आनंद शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। हमें सौभाग्य मिला है कि हमने यह कार्य किया।”

श्रद्धालु और विभिन्न अखाड़ों के साधु सुबह से ही बड़ी संख्या में एकत्र होने लगे थे। कई लोगों ने कहा कि पूरा शहर इस ऐतिहासिक क्षण के लिए एकदम नए रूप में दिखाई दे रहा है। विवाह पंचमी के अवसर पर शहर भर में विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की गई थी, वहीं मंदिर में वितरण के लिए विशेष प्रसाद भी पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री के रोडशो के मार्ग पर स्थानीय कलाकार पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। उनका काफिला एक किलोमीटर के रास्ते से होकर गुजरा, जहां 12 स्वागत स्थल और 7 सांस्कृतिक मंच तैयार किए गए थे।

समारोह के चरम क्षण में 10 गुणा 20 फीट का विशेष भगवा ध्वज प्रधानमंत्री और सरसंघचालक द्वारा फहराया गया, जिस पर तेजस्वी सूर्य, ‘ॐ’ का चिन्ह और कोविडारा वृक्ष अंकित था। ध्वज आरोहण के समय एतिहासिक राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। आमंत्रितों में राम जन्मभूमि–बाबरी मस्जिद विवाद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी भी शामिल थे, जिनकी उपस्थिति को इस आयोजन की समावेशी भावना के रूप में देखा गया।

भगवा ध्वज के शिखर पर पहुंचते ही पूरा परिसर घंटों, शंखों और जयकारों से गूंज उठा। राम मंदिर की औपचारिक पूर्णता का यह क्षण श्रद्धालुओं के लिए केवल आध्यात्मिक संतोष नहीं, बल्कि वर्षों की प्रतीक्षा और संघर्ष के अंत का प्रतीक भी बना।

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