प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘स्वर्वेद महामंदिर’ का उद्घाटन

स्वर्वेद महामंदिर एक साथ 20,000 लोगों को ध्यान लगाने की सुविधा प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘स्वर्वेद महामंदिर’ का उद्घाटन

प्रशांत कारुलकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विश्व के सबसे बड़े ध्यान केंद्र ‘स्वर्वेद महामंदिर’ का उद्घाटन किया। इस भव्य केंद्र के निर्माण से न सिर्फ आध्यात्मिक गुरु श्री स्वामी परमहंस योगानंद के सपने को साकार किया गया है, बल्कि यह भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी गौरवान्वित करता है।

स्वर्वेद महामंदिर की खास विशेषताएं:

1. 20,000 लोगों की समाविष्टि क्षमता: स्वर्वेद महामंदिर एक साथ 20,000 लोगों को ध्यान लगाने की सुविधा प्रदान करता है। यह आकार के मामले में विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है। इतनी बड़ी क्षमता के साथ यह केंद्र बड़े आयोजनों और सामूहिक ध्यान सत्रों के लिए आदर्श स्थान होगा।

2. 125-पंखुड़ी वाले कमल के गुंबद: केंद्र का मुख्य आकर्षण इसके आश्चर्यजनक 125-पंखुड़ी वाले कमल के गुंबद हैं। ये गुंबद न सिर्फ सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि शांति और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी हैं।

3. मकरान संगमरमर से बना: केंद्र का निर्माण राजस्थान के प्रसिद्ध मकरान संगमरमर से किया गया है। यह पत्थर सफेद, चमकदार और टिकाऊ होता है, जो महामंदिर को एक भव्य और पवित्र स्वरूप प्रदान करता है।

4. स्वर्वेद के 3137 श्लोकों का उत्कीर्णन: महामंदिर की दीवारों पर श्री स्वामी परमहंस योगानंद के पवित्र ग्रंथ ‘स्वर्वेद’ के 3137 श्लोकों का उत्कीर्णन किया गया है। यह न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत है, बल्कि केंद्र के सौंदर्य को भी बढ़ाता है।

5. अत्याधुनिक सुविधाएं: महामंदिर आधुनिक तकनीक से भी लैस है। इसमें वातानुकूलित हॉल, ध्वनि प्रणाली, ध्यान कक्ष, पुस्तकालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

6. आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र: स्वर्वेद महामंदिर सिर्फ ध्यान केंद्र से कहीं अधिक है। यह एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनने की उम्मीद है, जो लोगों को आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने और भारतीय संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा।

7. वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा: महामंदिर के उद्घाटन से वाराणसी के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह केंद्र न सिर्फ आध्यात्मिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति को विश्व के सामने लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के सर्वेद महामंदिर में एक ऐतिहासिक संबोधन में देशवासियों के समक्ष 9 आग्रह प्रस्तुत किए। यह आग्रह भारत के विकास और आत्मनिर्भरता के लिए दिशा प्रदान करते हैं और हर नागरिक से व्यक्तिगत प्रयास की अपील करते हैं।

प्रधानमंत्रीजी भारतवासियों के प्रति 9 आग्रह:

1. प्लास्टिक का उपयोग कम करें: पर्यावरण की रक्षा करें, प्लास्टिक के विकल्प अपनाएं।

2. रसोई गैस का कम उपयोग करें: ऊर्जा संरक्षण करें, बिजली और गैस का कम उपयोग करें।

3. स्थानीय वस्तुओं का उपयोग करें: स्थानीय उत्पादों को खरीदें, आयात को कम करें।

4. जल स्रोतों की सुरक्षा करें: नदियों, तालाबों और कुओं को साफ रखें, जल प्रदूषण रोकें।

5. बालिका शिक्षा को प्राथमिकता दें: हर बेटी को शिक्षित करें, उसे सशक्त बनाएं।

6. मातृभाषा का सम्मान करें: अपनी मातृभाषा का प्रयोग करें, उसे बचाएं।

7. पर्यटन को बढ़ावा दें: भारत के पर्यटन स्थलों की यात्रा करें, विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करें।

8. कौशल विकास पर ध्यान दें: कौशल सीखें, रोजगार के अवसर पैदा करें।

9. राष्ट्रीय पर्वों को हर्षोल्लास के साथ मनाएं: राष्ट्रीय एकता और गौरव को बढ़ाएं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये संकल्प और आग्रह व्यक्तिगत स्तर पर किए गए छोटे-छोटे प्रयासों से ही सफल हो सकते हैं। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वे इन संकल्पों और आग्रहों को अपने जीवन में अपनाएं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।

इस ऐतिहासिक संबोधन ने निश्चित रूप से देशवासियों को सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन भारत के लिए गौरव का विषय है। यह केंद्र आध्यात्मिकता, संस्कृति और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है, और यह आशा की जाती है कि आने वाले वर्षों में यह विश्व शांति और सद्भावना का केंद्र बनेगा।

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