सुप्रीम कोर्ट ने भारत के नए संसद पर लगाए गए शेरों की मूर्ति पर उठाये गए सवाल पर याचिकाकर्ताओं को कड़ा जवाब दिया है। कोर्ट ने कहा कि मूर्ति के निर्माण में कानून का उललंघन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि नई संसद पर लगाई गई शेरों की मूर्ति आक्रामक है। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि यह व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है। बता दें कि नई संसद यानी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए शेर की मूर्ति पर विपक्ष के नेताओं ने सवाल खड़ा किया था। उनका कहना था कि नई संसद भवन पर लगाए गए शेरों बनाने में कानून का उललंघन किया गया है। उनके बनावट पर भी सवाल उठाये गए थे।
इस मामले में अलदनीश रेन और रमेश कुमार नामक दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में वकीलों ने दावा किया था कि नई संसद पर जो शेरों की मूर्तियां बनाई गई हैं, वे स्टेट एबलम ऑफ़ इंडिया एक्ट 2005 के विपरीत हैं। उनकी डिजाइन इस एक्ट के तहत नहीं की गई है। इस याचिका पर जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनवाई की। जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया।
जब अंग्रेज को प्रसन्न करने के लिए हुई थी पहली बार दुर्गा पूजा