“त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घुसपैठ को मंदिर पर कब्जा करने की साजिश माना जाना चाहिए”

विश्व हिंदू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे की आलोचनात्मक राय।

“त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घुसपैठ को मंदिर पर कब्जा करने की साजिश माना जाना चाहिए”

बीते दिन से एक मुद्दा काफी सुर्खियों में है क्योंकि दूसरे धर्म के एक समूह ने नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद के महासचिव ने भी प्रतिक्रिया दी और विरोध जताया।

विश्व हिंदू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे ने 13 मई को चंदन जुलूस निकालकर कुछ मुसलमानों द्वारा महाराष्ट्र के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की दुस्साहस का कड़ा विरोध किया है। पिछले साल भी जुलूस निकालकर इसी तरह का साहस दिखाया था। त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर में मुसलमानों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। मिलिंद परांडे ने कहा कि इस तरह देश भर में कई मठों और मंदिरों पर कब्जा किया गया है और इतिहास में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। 

इसे त्र्यंबकेश्वर मंदिर पर भी कब्जा करने की सुनियोजित साजिश समझा जाना चाहिए। ऐसे सभी धर्मांधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। जागरूक हिन्दू समाज इस तरह के किसी भी अतिक्रमण का पुरजोर विरोध करेगा और मंदिर में प्रवेश करने का साहस करेगा। मिलिंद परांडे ने राय व्यक्त की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रशासन से भी उचित कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है।

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