वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या वैज्ञानिक जांच कराने की मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पुरातत्व विभाग को भी सर्वे की अनुमति देना सही नहीं हैं। अब हिन्दू पक्ष हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।
बता दें कि हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की सही उम्र जानने के लिए कार्बन डेटिंग या अन्य कोई वैज्ञानिक तरीके उसकी उम्र पता लगाने के लिए याचिका दायर की थी। बताते चले कि जिला जज अजय कृष्णा विश्वेश्व ने अपने फैसले में लिखा कि अगर शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या अन्य कोई वैज्ञानिक तरीके से इसकी जांच कराई जाती है तो शिवलिंग को क्षति पहुंच सकती है। जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
फैसले में उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को अपने आदेश में शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। ऐसे में अगर इस शिवलिंग का कार्बन डेटिंग या पेनेट्रेटिंग रडार करने से क्षति पहुंच सकती है। जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। साथ ही ऐसा करने पर धार्मिक भावना भी आहात हो सकती है।
ये भी पढ़ें