शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने के एक साल बाद भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश डोम्माराजू का प्रदर्शन 2025 में उतार-चढ़ाव भरा रहा है। हालांकि, डच ग्रैंडमास्टर और विश्व रैंकिंग में आठवें नंबर के खिलाड़ी अनिश गिरी का मानना है कि गुकेश की मौजूदा फॉर्म को लेकर जरूरत से ज्यादा चिंता करने की कोई वजह नहीं है। फर्स्टपोस्ट से एक विशेष बातचीत में गिरी ने साफ कहा कि गुकेश आज भी पूरी तरह से टॉप खिलाड़ी हैं और उनके करियर को लेकर जल्दबाज़ी में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं होगा।
गुकेश ने विश्व चैंपियन बनने के तुरंत बाद टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया और उपविजेता रहे। टाई-ब्रेक में प्रज्ञानानंदा से हार के बावजूद, यह टूर्नामेंट उनके आत्मविश्वास का मजबूत संकेत था। इसके बाद उन्होंने नॉर्वे चेस में मैग्नस कार्लसन को पहली बार हराया और सुपरयूनाइटेड क्रोएशिया रैपिड एंड ब्लिट्ज टूर्नामेंट में ‘रैपिड’ वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल किया। इससे तेज़ समय नियंत्रण में उनके खेल में स्पष्ट सुधार दिखा।
हालांकि, साल के अगले हिस्से में गुकेश को कुछ कठिन दौर से भी गुजरना पड़ा। फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम टूर में Chess960 फॉर्मेट में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, वहीं क्लासिकल मुकाबलों में भी फिडे ग्रैंड स्विस और वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजनों में वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
इन नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिश गिरी ने कहा, “आप जानते हैं, हम अच्छे हिस्सों को भूल जाते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि नॉर्वे चेस में वह कैसे लड़े, कैसे उन्होंने कार्लसन को मात दी और उन्हें टेबल पर हाथ मारने पर मजबूर कर दिया। हम यह सब भूल जाते हैं। और हम वहां पैटर्न खोजने लगते हैं, जहां वास्तव में कोई पैटर्न होता ही नहीं है। हम रुझान ढूंढने की कोशिश करते हैं, जबकि कोई रुझान नहीं होता। मुझे नहीं लगता कि गुकेश के शतरंज करियर में कोई बड़ा नकारात्मक ट्रेंड है। वह एक बिल्कुल टॉप खिलाड़ी हैं… बेहद महत्वाकांक्षी और इतने कम उम्र के।”
गिरी ने आगे कहा कि गुकेश की आक्रामक सोच और जीत की भूख उनके खेल का हिस्सा है। उनके शब्दों में, “वह एक युवा खिलाड़ी हैं और बहुत महत्वाकांक्षी भी। इसका मतलब है कि वह सुरक्षित ड्रॉ लेने के बजाय जीत के लिए कई स्थितियों में दबाव बनाएंगे। उनमें से कुछ चालें आखिरकार उलटी भी पड़ेंगी। यह बिल्कुल सामान्य है।”
डच ग्रैंडमास्टर का मानना है कि भविष्य में गुकेश और भी बेहतर हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “आगे चलकर हम उन्हें और बेहतर होते हुए देख सकते हैं, शायद शतरंज की दुनिया पर दबदबा बनाते हुए भी। लेकिन अभी तक भी उनकी उपलब्धियां अविश्वसनीय हैं। इतनी कम उम्र में विश्व चैंपियन बनना अपने आप में अद्भुत है।”
इस बीच, मुंबई में शुरू हो रही ग्लोबल चेस लीग (GCL) के तीसरे सत्र में भी दोनों खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। गुकेश पीबीजी अलास्कन नाइट्स के लिए ‘आइकन’ बोर्ड पर खेलेंगे, जबकि गिरी इस बार अल्पाइन एसजी पाइपर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। गिरी ने माना कि आइकन बोर्ड पर खेलना गुकेश के लिए बड़ी चुनौती होगी, खासकर तेज़ फॉर्मेट में।
उधर, अनिश गिरी खुद भी बड़ी चुनौती की ओर बढ़ रहे हैं। उज्बेकिस्तान के समरकंद में ग्रैंड स्विस जीतकर उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया है, जो मार्च-अप्रैल 2026 में साइप्रस में होगा। अगर वहां उनका प्रदर्शन सफल रहता है, तो आने वाले समय में शतरंज की विश्व चैंपियनशिप में गुकेश बनाम गिरी का मुकाबला भी देखने को मिल सकता है।
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