नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में रविवार को भारत की झोली में एक और मेडल आया। बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु ने महिला एकल वर्ग में चीन की खिलाड़ी को हरा कर कांस्य पदक जीता। सिंधु ने खेले गए मुकाबले में चीन की हे बिंगजियाओ को 21-13 ,21-15 से हरा कर पदक पर कब्ज़ा कर लिया। सिंधु ने पहला सेट आसानी से जीता लेकिन दूसरे सेट में चीन की खिलाडी ने कड़ा मुकाबला पेशा किया। इस जीत के साथ पीवी सिंधु भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं जो लगातार दो ओलपिंक खेलों में पदक जीता है। अब तक भारत की झोली में तीन पदक आ चुके हैं।
सिंधु के अलावा टोक्यो में अब तक वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने ही पदक पर मुहर लगाई है। मीराबाई ने महिलाओं की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा के 49 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था। इसके लिए उन्होंने 202 किलो का कुल भार उठाया, जबकि लवलीना ने महिलाओं की 69 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया और इस ओलंपिक में देश के लिए दूसरा पदक पक्का किया था।
बैडमिंटन की बात करें तो भारत को बैडमिंटन में ओलंपिक में 3 मेडल मिले हैं। साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक 2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।सिंधु को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। सिंधु भले ही गोल्ड ना जीत पाई हों पर उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
ब्रेक के करीब आते-आते बिंगजियाओ ने वापसी की, कोशिश करते हुए अंक बटोरे अंतर कम किया, लेकिन सिंधु ने अपनी बढ़त नहीं जाने दी। काफी कोशिशों के बाद भी बिंगजियाओ सिंधु के खेल से आगे नहीं निकल पाईं। सिंधु अभी 8-5 से आगे थीं। उनके खेल को देखकर लग रहा था कि ब्रेक में सिंधु बढ़त के साथ ही जाएंगी। इस कांस्य पदक के मैच में सिंधु धीरे-धीरे जीत की ओर बढ़ती दिख थीं।