रविवार, 18 दिसंबर को लुसैल स्टेडियम में होने वाले फीफा विश्व कप के फाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना की टीम फ्रांस के खिलाफ मैदान में उतरेगी। खिताबी मुकाबला भारतीय समयानुसार रात साढ़े आठ बजे शुरू होगा। इसके साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि मेसी पेले और डिएगो माराडोना जैसे महानतम खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो पाएंगे या नहीं। दरअसल मेसी के राह में कोई कमजोर नहीं बल्कि गत चैंपियन फ्रांस खड़ा हैं। अर्जेंटीना ने 1978 और 1986, जबकि फ्रांस ने 1998 और 2018 में यह खिताब जीता था। अर्जेंटीना के पास 36 साल बाद पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी हासिल करने का मौका है। वहीं, फ्रांस लगातार दूसरी बार खिताब जीतने से एक कदम दूर है। ।
फ्रांस के खिलाड़ी खुद को तीसरी बार चैंपियन बनाने के लिए तैयार हैं। फ्रांस के कोच डिडियर डैशचैंप्स भी लगातार दूसरा खिताब जिताकर तीनों विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाना चाहेंगे। फ्रांस की तरह अर्जेंटीना भी तीसरा विश्व कप खिताब जीतने की कोशिश में जुटी है। वहीं मेसी ने जिस तरह से अर्जेंटीना को फाइनल में पहुंचाया, उससे उनकी तुलना माराडोना से की जा रही है। मेसी ने पांच गोल करने के अलावा तीन गोल करने में मदद कर अपनी टीम के प्रशंसकों को रोमांचित कर दिया जो कतर में पूरे विश्व कप के दौरान मैचों में बहुतायत में नजर आए। यह मैच भी अर्जेंटीना के लिए घरेलू मैच की तरह होगा, लेकिन फ्रांस के समर्थकों की संख्या भी कम नहीं होगी।
फ्रांस की टीम में अपार अनुभव है और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल के बदौलत जीत दर्ज करने की काबिलियत खिलाड़ियों में है। फ्रांस के डिफेंडर जहां एक तरफ मेसी को दूर रखने का प्रयास करेंगे तो वहीं दूसरी और अर्जेंटीना एमबापे पर लगाम कसे रखना चाहेगा। क्योंकि एम्बाप्पे के रहते हुए फ्रांस ने 2018 में क्रोएशिया को हराकर विश्व कप जीता था। 2014 में गोल्डन बूट जीत चुके मेसी इस बार 18 कैरट के सोने से बनी ट्राफी उठाना चाहेंगे ताकि वह अपने करियर का समापन बेहतरीन ढंग से कर सकें।
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