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Sunday, December 7, 2025
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“अगर मुझे नोबेल प्राइज नहीं मिला तो यह अमेरिका का अपमान होगा”

डोनाल्ड ट्रंप

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान देकर अंतरराष्ट्रीय बहस छेड़ दी है। वर्जीनिया के क्वांटिको में आयोजित एक उच्च-स्तरीय सैन्य सम्मेलन में ट्रंप ने दावा किया कि उनके 20 सूत्रीय गाज़ा शांति प्रस्ताव सफल हुए तो वे आठ महीनों में आठ युद्ध खत्म कर देंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, और यह अमेरिका का “बड़ा अपमान” होगा।

ट्रंप ने कहा,“अगर यह (गाज़ा शांति योजना) काम कर गई, तो हमने आठ महीनों में आठ युद्ध सुलझा दिए होंगे। यह काफी अच्छा है। ऐसा किसी ने नहीं किया। लेकिन क्या मुझे नोबेल मिलेगा? बिल्कुल नहीं। वे किसी ऐसे आदमी को देंगे जिसने कुछ भी नहीं किया। वे किसी ऐसे को देंगे जिसने डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग पर किताब लिखी होगी। यह हमारे देश के लिए बड़ा अपमान होगा… मैं नोबेल नहीं चाहता, मैं चाहता हूं कि अमेरिका को यह सम्मान मिले।”

व्हाइट हाउस ने सोमवार को 20 सूत्रीय दस्तावेज़ जारी किया, जिसमें तत्काल युद्धविराम, हमास द्वारा बंधकों की रिहाई के बदले इज़राइल में बंद फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई, चरणबद्ध इज़रायली वापसी, हमास का निरस्त्रीकरण और एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की निगरानी में संक्रमणकालीन सरकार की व्यवस्था शामिल है।
इज़राइल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि हमास का कहना है कि उसे अभी तक आधिकारिक दस्तावेज़ नहीं मिला है।

ट्रंप ने इस मौके पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का दावा दोहराया। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से लड़ रहे थे। दोनों ने सात विमान गिरा दिए थे। मैंने दोनों को कॉल किया और कहा कि अगर ऐसा चलता रहा तो कोई व्यापार नहीं होगा। मैंने चार दिन में युद्ध रोक दिया। पाकिस्तानी आर्मी चीफ (आसिम मुनीर) और प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आदमी ने लाखों लोगों की जान बचाई।”

हालांकि भारत सरकार ने ट्रंप के इन दावों को हमेशा खारिज किया है। नई दिल्ली का कहना है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने की समझौता-वार्ता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच हुई थी, न कि ट्रंप की दखलअंदाजी से।

ट्रंप इससे पहले भी स्व-प्रशंसा और नोबेल प्राइज की मांग जैसे बयान देकर सुर्खियों में रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि वे अंतरराष्ट्रीय संकटों का इस्तेमाल अपनी छवि चमकाने के लिए करते हैं। वहीं समर्थकों का मानना है कि उनकी आक्रामक कूटनीति से कई बड़े टकराव टल सकते हैं।

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