भोपाल.भारत मंदिरों का देश है.यहां हर गली-चौराहे पर किसी न किसी भगवान की मूर्ति मिल ही जाती है.यहां कोई अपना सिर झुकता मिल जायेगा। यहां लोगों को अपने से ज्यादा भगवान पर विश्वास होता है। देश में कई मंदिर है हर मंदिर का अपना रहस्य है।कुछ मान्यताएं भी हैं। हम आपको बताएंगे एक ऐसे अद्भुत हनुमान मंदिर के बारे में जिसके बारे में जान कर आप भी दंग रह जायेंगे। यह हनुमान मंदिर मध्यप्रदेश के मंडला जिले से 3 किलोमीटर दूर पुरवा गांव के पास स्थित है। यह मंदिर सूरजकुंड जगह की नर्मदा नदी के तट पर मौजूद है. जहां हजारों की तादाद में हनुमान भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि, यहां आकर भक्तों द्वारा सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना जरूर पूर्ण होती है.
ऐसा होता है इस मंदिर में
इस मंदिर की खासियत यह है कि मंदिर स्थापित हनुमानजी मूर्ति दिन भर तीन बार अपना स्वरूप बदलती है. अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा रहा है ऐसा क्यों तो यह रहस्य अब भी एक रहस्य ही है. मगर 24 घंटे में तीन बार प्रतिमा का स्वरूप बदलना लोगों के लिए काफी दिलचस्प होने के साथ अदभुत भी है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि, सुबह 4 बजे से 10 बजे तक हनुमान जी की प्रतिमा बाल स्वरूप में होती है. फिर 10 बज से शाम 6 बजे तक युवा स्वरूप में रहती है. इसके बाद शाम 6 बजे से पूरी रात यानी सुबह 4 बजे तक वृद्ध स्वरूप में रहती है. मंदिर में होने वाली इस चमत्कारी घटना पर स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां जो होता है वो भगवान की मर्जी से होता है और यह प्राकृतिक है. आसपास के गांव के लोगों का इस प्राचीन मंदिर पर अटूट विश्वास है. हालांकि, इसके पीछे का रहस्य ना तो कोई पुजारी जानते हैं और ना ही यहां के लोग.
क्या है पौराणिक मान्यता?
पौराणिक मान्यताओं अनुसार नर्मदा नदी के इसी तट पर भगवान सूर्य तपस्या करते थे और उनकी तपस्या में किसी भी तरह की कोई समस्या हो इसके लिए हनुमान जी यहां पूरा समय पहरा देते थे. जब भगवान सूर्य की तपस्या पूरी हो गई तो वह अपने लोक जाने लगे तब उन्होंने हनुमान जी से इसी स्थान पर रुकने के लिए कहा. कहा जाता है कि तभी से हनुमान जी यहां प्रतिमा के रूप में विराजमान हो गए. यहां भी मान्यता है कि इस स्थान पर आकर लोगों को अलग ही अनुभव होता है. हनुमान जी की इस अद्भुत और चमत्कारी स्वरूप को देखने के लिए एक बार अवश्य आएं.