देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। यह धमकी एक कॉल के जरिए दी गई, जिसके बाद बीकेसी स्थित अमेरिकी दूतावास के आसपास सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं।
मुंबई पुलिस ने धमकी की पुष्टि करते हुए बताया कि बीकेसी पुलिस स्टेशन को अलर्ट किया गया और तत्परता से बम निरोधक दस्ता (Bomb Squad) तथा डॉग स्क्वॉड के साथ जांच शुरू की गई। इलाके की बारीकी से तलाशी ली गई, लेकिन किसी भी प्रकार का संदिग्ध सामान बरामद नहीं हुआ।
पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया, “धमकी भरे कॉल के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास परिसर और आसपास के क्षेत्र की गहन तलाशी ली गई, लेकिन कोई बम या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली।” पुलिस ने अज्ञात कॉलर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और तकनीकी जांच के जरिए कॉलर की पहचान की जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब मुंबई में किसी प्रतिष्ठित स्थान को निशाना बनाकर इस तरह की धमकी दी गई हो। 31 मई को ग्रैंड हयात होटल को भी एक बम धमकी भरा कॉल मिला था। एक अज्ञात शख्स ने होटल के कस्टमर केयर नंबर पर फोन कर कहा था कि, “होटल में बम रखा गया है और अगले 10 मिनट में विस्फोट होगा।”
इस कॉल के बाद होटल प्रशासन में अफरातफरी मच गई। वाकोला पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया, जिसके बाद बम स्क्वॉड और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर होटल की तलाशी ली। कई घंटों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि धमकी झूठी थी और कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ग्रैंड हयात को मिली धमकी जर्मनी के एक नंबर से की गई थी। इस मामले में भी पुलिस ने कॉल की गंभीरता को देखते हुए टेक्निकल सर्विलांस शुरू किया और कॉलर की तलाश की जा रही है।
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम इन धमकियों को गंभीरता से ले रहे हैं। चाहे धमकी झूठी हो या सच्ची, किसी भी स्थिति में हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। कॉल करने वाले की पहचान और मंशा दोनों का पता लगाने के लिए हर स्तर पर जांच की जा रही है।”
हाल के दिनों में मुंबई में हाई-प्रोफाइल स्थानों को मिल रही बम धमकियों से सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और जनता की चिंता दोनों बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कॉल्स के पीछे या तो शरारती तत्व हो सकते हैं या फिर ऐसी गतिविधियां आतंक की मनोवैज्ञानिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकती हैं। पुलिस की साइबर सेल और इंटेलिजेंस एजेंसियां फिलहाल सभी पहलुओं से जांच कर रही हैं।
भले ही शुरुआती जांच में कोई विस्फोटक नहीं मिला हो, लेकिन मुंबई जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देती हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों की तत्परता ने इन दोनों मामलों में बड़ा खतरा टाल दिया है, लेकिन अब वक्त है कि फर्जी धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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