नई दिल्ली। मुंबई। कोरोना से जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो चुकी है उन बच्चों को मध्य प्रदेश सरकार मासिक पेंशन देगी। इस घोषणा के बाद शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की है। मुखपत्र में कहा गया है कि यह अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण हो सकता है। आगे कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकार को उन बच्चों की खोज खबर लेनी होगी जो कोरोना से अपनी माता-पिता को खो दिए हैं और उन्हें “मानवता की ढाल” दी जानी चाहिए।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावकों की कोरोना से मौत हुई है उन्हें 5,000 रुपये मासिक पेंशन और मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। मुखपत्र में आगे लिखा गया है “कई बच्चे इस बात से अनजान हैं कि उनके माता-पिता जो कोविड से लड़ रहे हैं, वे अस्पताल से नहीं लौट सकते। सरकार को इन अनाथ बच्चों का अभिभावक बनकर उनकी देखभाल करनी होगी। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य, उन्हें इन बच्चों पर ध्यान देना होगा और उन्हें मानवता की ढाल देनी होगी जिस तरह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है।”इसके अलावा इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार का भी जिक्र किया गया है.कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने भी इस संबंध में चर्चा की लेकिन आगे या नहीं बताया गया है कि चर्चा के बाद क्या फैसला किया गया. इस संबंध कोई जिक्र नहीं है। सम्पादकीय में कहा गया है कि ”महाराष्ट्र में भी इस पर चर्चा हुई, परंतु मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस गंभीर मसले की अनदेखी करने की बजाय इन बच्चों को पेंशन देने का निर्णय घोषित कर दिया। ” इसके के आलावा सम्पादकीय में सिख दंगों और कई त्रासदी का भी जिक्र किया गया है।