33 C
Mumbai
Friday, December 5, 2025
होमन्यूज़ अपडेट114 वर्ष के फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, प्रधानमंत्री मोदी...

114 वर्ष के फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक!

2011 में टोरंटो मैराथन में फौजा सिंह ने 8 घंटे, 11 मिनट और 6 सेकंड में रेस पूरी की और दुनिया के पहले 100 वर्षीय मैराथन धावक बनने का रिकॉर्ड बनाया।

Google News Follow

Related

विश्व प्रसिद्ध और दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक सरदार फौजा सिंह का सोमवार (14 जुलाई) सुबह सड़क हादसे में निधन हो गया। 114 वर्षीय यह जीवित किंवदंती जब सुबह सैर पर निकले थे, तब उन्हें एक तेज़ रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। हादसे के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल फौजा सिंह को जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर रात इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल की जांच की और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ-साथ प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ शुरू कर दी है। मामला दर्ज कर फरार चालक की तलाश जारी है।

1 अप्रैल 1911 को पंजाब के ब्यास पिंड में जन्मे फौजा सिंह चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। बचपन में वह शारीरिक रूप से इतने कमजोर थे कि पांच वर्ष की उम्र तक चल भी नहीं सकते थे। लेकिन उनकी असाधारण इच्छाशक्ति और आत्मबल ने उन्हें दुनिया के सामने एक प्रेरणा के रूप में खड़ा कर दिया।

विभाजन की पीड़ा से प्रभावित फौजा सिंह ने 1992 में पत्नी के निधन के बाद लंदन में बेटे के पास जाकर अपने जीवन को नया अर्थ दिया। वहीं उन्होंने दौड़ने के जुनून को फिर से जिया, नियमित अभ्यास किया और 100 वर्ष की आयु में भी इतिहास रच दिया।

वर्ष 2011 में टोरंटो मैराथन में फौजा सिंह ने 8 घंटे, 11 मिनट और 6 सेकंड में रेस पूरी की और दुनिया के पहले 100 वर्षीय मैराथन धावक बनने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले उन्होंने लंदन, न्यूयॉर्क, हांगकांग और टोरंटो जैसे शहरों में कई मैराथन रनों में भाग लिया। उनकी फिटनेस और संयम ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “टर्बन टॉर्नेडो” नाम से प्रसिद्ध कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फौजा सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “फौजा सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे। उन्होंने अपने खास व्यक्तित्व और फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण विषय को लेकर भारत के युवाओं को प्रेरित किया। वे अद्भुत दृढ़ संकल्प वाले एक उत्कृष्ट एथलीट थे। उनके निधन से बहुत दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दुनियाभर में मौजूद उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।”

वहीं पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “महान मैराथन धावक और दृढ़ता के प्रतीक सरदार फौजा सिंह के निधन से अत्यंत दुखी हूं। 114 वर्ष की आयु में वे अद्वितीय उत्साह के साथ ‘नशा मुक्त – रंगला पंजाब’ मार्च में मेरे साथ शामिल हुए। उनकी विरासत नशा मुक्त पंजाब के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।”

फौजा सिंह सिर्फ एक धावक नहीं थे — वे एक विचार, एक प्रतीक, और एक प्रेरणा थे। 100 वर्ष की आयु में मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति के रूप में उन्होंने साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि संघर्ष, आत्मबल और समर्पण से कोई भी मंजिल दूर नहीं। भारत ने आज एक महान एथलीट और एक प्रेरणास्रोत को खो दिया है, लेकिन फौजा सिंह की विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

यह भी पढ़ें:

भूमिज शैली की वास्तुकला का प्रमाण है भोजपुर का शिव मंदिर!

भारत -चीन द्विपक्षीय संबंधों में ‘अच्छी प्रगति’, शी जिनपिंग से मिले विदेश मंत्री !

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को बम से उड़ाने की धमकी, “इमारत में लगाए गए हैं 4 RDX IED”

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,714फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें