यूक्रेन के सुमी क्षेत्र में शनिवार (4 अक्तूबर) को रूस ने एक रेलवे स्टेशन पर भीषण हमला किया, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। यह ट्रेन शोस्तका से कीव जा रही थी, जिस पर रूसी ड्रोन ने निशाना साधा। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस हमले को “सैवेज (बर्बर)” और “आतंकवाद का कृत्य” बताया।
ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें आग की लपटों में घिरी ट्रेन की बोगी और मलबे में तब्दील धातु के ढांचे दिख रहे थे। उन्होंने कहा, “रूस ने सुमी के शोस्तका रेलवे स्टेशन पर बर्बर ड्रोन हमला किया है। सभी आपात सेवाएं मौके पर पहुंच चुकी हैं और घायलों की मदद कर रही हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक़, कम से कम 30 लोगों की जान गई है। घटनास्थल पर रेलवे कर्मचारी और यात्री दोनों मौजूद थे।”
ज़ेलेंस्की ने रूस पर जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दुनिया के लिए चेतावनी है। “रूसी सेना जानती थी कि वे आम लोगों पर हमला कर रहे हैं। यह आतंकवाद है, और इसे दुनिया नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती। हर दिन रूस निर्दोष लोगों की जान ले रहा है। केवल मज़बूत कार्रवाई ही उन्हें रोक सकती है। अब केवल बयान नहीं, ठोस कदम ज़रूरी हैं।”
सुमी में यह हमला ऐसे समय हुआ जब रूस ने पिछले दो महीनों से यूक्रेन के रेलवे और ऊर्जा ढांचे पर लगातार हवाई हमले तेज़ कर रखे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक़, रूस लगभग हर दिन यूक्रेनी रेलवे नेटवर्क को निशाना बना रहा है। एक दिन पहले ही रूस ने खारकीव और पोल्टावा क्षेत्रों में गैस व तेल कंपनी नाफ्तोगाज़ (Naftogaz) के ठिकानों पर 35 मिसाइलें और 60 ड्रोन दागे थे। नाफ्तोगाज़ के सीईओ सर्गी कोरेत्स्की ने बताया कि इस हमले में कंपनी की कई सुविधाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा है और 8,000 से अधिक उपभोक्ताओं की बिजली काट दी गई। उन्होंने कहा, “इस हमले का कोई सैन्य औचित्य नहीं है। यह युद्ध के दौरान हमारी गैस उत्पादन पर सबसे बड़ा हमला था।”
रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि उसने यूक्रेन के गैस और ऊर्जा ढांचे पर “बड़े पैमाने पर रातभर हवाई हमले” किए हैं, साथ ही कुछ सैन्य-औद्योगिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया है। जैसे-जैसे युद्ध का चौथा सर्दी का मौसम नज़दीक आ रहा है, रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमले बढ़ा दिए हैं। कई इलाकों में पहले से ही लंबे समय तक बिजली गुल रहने की स्थिति पैदा हो चुकी है।
यूक्रेन ने भी हाल के महीनों में रूस के अंदर स्थित तेल रिफाइनरियों पर 19 हमले किए हैं, जिससे रूस के कई हिस्सों में ईंधन की कमी पैदा हो गई है। बीते महीने रूस ने शांति वार्ता को स्थगित कर यूरोपीय देशों पर प्रक्रिया में अड़चन डालने का आरोप लगाया था।
ज़ेलेंस्की ने अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने और राष्ट्रपति पुतिन से सीधे वार्ता के लिए दबाव बनाने की अपील की है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खुद को “शांति मध्यस्थ” बताते हुए ज़ेलेंस्की और पुतिन की बैठक कराने का प्रस्ताव रखा है, साथ ही चेतावनी दी है कि अगर युद्ध नहीं रुका, तो रूस पर दूसरे चरण के प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
यह हमला रूस-यूक्रेन युद्ध में एक और भयावह मोड़ लेकर आया है, जहाँ नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना अब नई सामान्य रणनीति बन गई है और ज़ेलेंस्की का संदेश साफ़ है, “अब शब्द नहीं, शक्ति की ज़रूरत है।”
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