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Friday, September 20, 2024
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एक देश-एक राशन कार्ड: केंद्र ने दिल्ली सरकार की खोली पोल

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नई दिल्ली। एक देश-एक राशन कार्ड मामले में सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार केवल एक जगह इस योजना को लागू की है। जबकि कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील ने बताया पूरी दिल्ली में यह योजना लागू की गई है। केंद्र ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के वकील गलत जानकारी देकर कोर्ट को गुमराह किया है। एक देश एक राशन कार्ड के मामले में पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि हर राज्य इस स्कीम को लागू करें। उस वक्त दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली ने ये योजना लागू कर दी है। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के रजिस्ट्रेशन के लिए सॉफ्टवेयर विकास में देरी पर कड़ा रुख भी जताया। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत इस साल नवंबर तक उन प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न कैसे मिलेगा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।

मई 2019 में शुरू की गई इस योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों को उन राज्यों में भी राशन लेने की सुविधा मिल सकेगी, जहां वे काम करते हैं और जहां उनका राशन कार्ड रजिस्टर्ड नहीं है। यह योजना प्रवासी मजदूरों के लिए है। इसलिए सभी राज्यों के राशन कार्ड को इंटरनेट से जोड़ दिया गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक इस योजना को दिल्ली, पश्चिम बंगाल, असम और छत्तीसगढ़ ने अभी तक लागू नहीं किया है। केंद्र सरकार ने सोमवार को दाखिल हलफनामे में दिल्ली सरकार पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। केंद्र ने कहा कि दिल्ली ने सिर्फ एक सर्किल सीमापुरी में यह योजना लागू की है। यहां सिर्फ 42 ई-पोश मशीन के जरिये प्रवासी मजदूरों को राशन मिला है। इसमें बहुत मामूली ट्रांजेक्शन हुआ है। जब तक योजना को पूरी दिल्ली में लागू नहीं किया जाता, तब तक इसे मुकम्मल नहीं माना जाएगा।   केंद्र ने बताया कि दिल्ली में अभी 2000 से ज्यादा ई-पोश मशीन बेकार पड़ी है। इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ सकता है। बता दें कि इसी तरह बंगाल सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश  दिया था कि बिना किसी बहाने के इस योजना को लागू करें। मालूम हो कि अब तक आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब और ओडिशा समेत कई राज्यों ने इस योजना को लागू किया है।

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