नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान और तुर्की को अपने बाल सैनिकों के रोकथाम अधिनियम (सीएसपीए) की सूची में डाला है। जिसके बाद से दोनों देश बौखला गए हैं। सीएसपीए अधिनियम की सूची में डाले जाने पर तुर्की ने अमेरिका पर “डबल स्टैंडर्ड और पाखंड” का आरोप लगाया है। जबकि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि ये “फैक्चुअल एरर और गलत समझ” को दर्शाता है।बता दें कि सीएसपीए अधिनियम का अर्थ होता है नाबालिगों को फौज या अन्य सुरक्षा बलों में शामिल करना।
सीएसपीए की सूची में यह देश: यूएस चाइल्ड सोल्जर्स प्रिवेंशन एक्ट (सीएसपीए) की सूची में अफगानिस्तान, म्यांमार, कांगो, ईरान, इराक, लीबिया, माली, नाइजीरिया, सोमालिया, सीरिया, वेनेजुएला व यमन भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस सूची जो देश शामिल हैं उनपर अगले वित्त वर्ष में कुछ सुरक्षा सहायताओं और सैन्य उपकरण के व्यावसायिक लाइसेंसीकरण पर प्रतिबंध लग जाएंगे।
सूची में डालना मतलब कार्रवाई: सीएसपीए की सूची में शामिल करने का अर्थ है कि उस देश पर एक प्रकार की कार्रवाई या प्रतिबंध लगाना। अमेरिका के मुताबिक 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति, जो सरकार के सशस्त्र बल, पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों का हिस्सा बनता है या बनाया जाता है, उसे ‘बाल सैनिक’ कहते हैं। शुक्रवार को विदेश विभाग द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन सरकारों में 15 साल से कम उम्र के किशोरों को सेना में शामिल किया जा रहा है। “बाल सैनिक” का अर्थ है 18 साल से कम उम्र का कोई भी ऐसा व्यक्ति जो युद्ध में सीधे भाग लेता है या जिसे सरकारी सशस्त्र बलों, पुलिस या अन्य सुरक्षाबलों में जबरन भर्ती किया गया हो। इसका मतलब 15 साल से कम उम्र के उस व्यक्ति से भी है जो स्वेच्छा से सरकारी सशस्त्र बलों, पुलिस या अन्य सुरक्षाबलों में भर्ती हुआ हो।