मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद नारायण राणे को केंद्र में मंत्री बनाए जाने से चिढ़ी शिवसेना के नेता बेसिर-पैर की बयानबाजी कर रहे हैं। अब शिवसेना प्रवक्ता-सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र से जो मंत्री बनाए गए हैं, वे सभी राकांपा-शिवसेना से भाजपा में गए नेता हैं। राऊत ने कहा कि उसे नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार में मंत्री पदों को भरने के लिए ‘‘मानव संसाधन’’ उपलब्ध कराने वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का शुक्रिया अदा करना चाहिए। राउत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि नए केंद्रीय पंचायती-राज राज्य मंत्री कपिल पाटिल और स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार पहले राकांपा में थे। जबकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे पहले शिवसेना में थे और फिर वह कांग्रेस में भी रहे थे।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र से केंद्रीय मंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले चार नेताओं में तीन की पृष्ठभूमि भाजपा की नहीं है। राउत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनमें कुछ तो विशेष देखा होगा जो उन्हें महत्वपूर्ण प्रभार दिए गए। भाजपा को शिवसेना और राकांपा का आभार जताना चाहिए जिन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए अच्छे मानव संसाधन उपलब्ध कराए।’’ उन्होंने दावा किया कि राणे को जो प्रभार दिया गया, उनका कद उससे कहीं ‘‘बड़ा’’ है। राउत ने कहा, ‘‘राणे मुख्यमंत्री रहे हैं और महत्वपूर्ण मंत्रालयों की बागडोर भी संभाल चुके हैं। एमएसएमई मंत्रालय में उनके सामने छोटे और मध्यम उद्योगों को पुनर्जीवित करने की चुनौती होगी जो कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उनके समक्ष रोजगार सृजन की चुनौती भी होगी।’’
राउत से जब पूछा गया कि राणे को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में क्या कोंकण क्षेत्र में शिवसेना का मुकाबला करने के इरादे के साथ शामिल किया गया है तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कहना मंत्रिमंडल और संविधान का अपमान करने जैसा होगा। आप किसी को मंत्री देश की सेवा करने के लिए बनाते हैं या फिर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए?’’ राउत ने कहा कि महाराष्ट्र से आने वाले चार नेताओं को अच्छे मंत्रालय मिले हैं और उन्हें एमएसएमई, वित्त और स्वास्थ्य क्षेत्र में जनता की सेवा करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, उन्होंने भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने पर अफसोस जताया।