मेरठ। उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर इतिहास लिखने की ओर अग्रसर है। अब यहां एक ही ट्रैक पर रैपिड और मेट्रो दोनों चलेंगी। आपको बता दें कि रैपिड रेल में छह जबकि मेट्रो में तीन कोच होंगे और रैपिड और मेट्रो दोनों के कोच का निर्माण गुजरात में शुरू हो गया है।
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल और मेट्रो प्रोजेक्ट से सुहाना सफर होने जा रहा है। दिल्ली में सराय काले खां से सफर शुरू होगा। मेरठ में भूड़बराल के पास मेरठ साउथ पहला स्टेशन होगा, जहां हाई स्पीड रैपिड रेल आकर रुकेगी।यहां से मोदीपुरम तक भी रैपिड से जा सकते हैं, लेकिन यदि शहर के अंदर परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, फुटबॉल चौक, भैंसाली, एमईएस कालोनी, डोरली आदि जाना हो तो मेरठ साउथ स्टेशन से रैपिड से मेट्रो में आना होगा। एनसीआरटीसी की प्लानिंग के अनुसार रैपिड रेल दिल्ली से आने के बाद मेरठ में चार स्टेशन मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और उसके बाद सीधे मोदीपुरम आकर ही रुकेगी। रैपिड के इन चार स्टेशनों पर मेट्रो भी रुकेगी ताकि दिल्ली से आने वाले शहर के लोग शहर के अंदर जाने के लिए चेंज कर सकें। एक तरह से मेरठ में मेरठ साउथ, शताब्दीनगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशन रैपिड और मेट्रो का जंक्शन होगा, जहां से लोग रैपिड छोड़कर मेट्रो का सफर कर सकते हैं। मेट्रो से लोग रैपिड में भी आ सकते हैं।
मेरठ जिले में मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक कुल 21 किलोमीटर का ट्रैक होगा, जिस पर रैपिड रेल और मेट्रो दौड़ेगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार 21 किलोमीटर के ट्रैक में 12 स्टेशन और मोदीपुरम का डिपो होगा। इस तरह मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो तक कुल 13 स्टेशनों पर 21 किलोमीटर में मेट्रो का सफर होगा। दावा है कि सफर इतना सुहाना होगा कि मेरठ के लोग आश्चर्यचकित रह जाएंगे। मेरठ में मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक रैपिड और मेट्रो की डिजाइन रफ्तार तो 150 से 180 किलोमीटर रखी गई है। हालांकि संचालन औसत 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से होगा। 100 किलोमीटर की रफ्तार से 21 किलोमीटर का सफर स्टापेज के साथ करीब 19 मिनट का होगा।